डॉ. अजय गोयनका बोले- फ्री कोविड ट्रीटमेंट कमलनाथ का विजन: कहा- PCC चीफ ने बताया कोरोना संकट में कैसे CM शिवराज की मदद की

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भोपाल9 घंटे पहले

मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले चिरायु मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. अजय गोयनका ने कांग्रेस के मंच पर बड़ा बयान दिया। रविवार को पीसीसी में कांग्रेस स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में डॉ. अजय गोयनका ने कहा- सरकार की तरफ से कोरोना मरीजों के इलाज का विजन तत्कालीन सीएम कमलनाथ का था।

कार्यक्रम में डॉ. गोयनका ने कहा- कमलनाथ की लीडरशिप में कोरोना के इलाज का काम शुरू किया गया था। अलग-अलग जिलों के 28 हजार कोरोना मरीजों का इलाज किया। चिरायु अस्पताल की टीम मिनिमम मॉर्टेलिटी (न्यूनतम मृत्यु) के साथ काम कर पाई। धन्यवाद देता हूं में कमलनाथ के उस दिन के विजन को कि जब उन्होंने ये तय कर लिया था हम सरकार के माध्यम से कोविड के हर पेशेंट का ट्रीटमेंट करेंगे।

बाद में पैकेज हुए और बदले हुए चीफ मिनिस्टर की लीडरशिप में मेरा पैकेज हुआ था। मैं भगवान को धन्यवाद देता हूं जिसमें हमें कुछ नहीं मालूम था उसमें हमें मौका दिया और हम कुछ मरीजों को हम हमारी सेवाएं दे सके।

कमलनाथ बोले- कोरोना के संकट में उड़ाया था मेरा मजाक
पीसीसी में कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों और सदस्यों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा डॉक्टर्स का प्रोफेशन से समाजसेवा जुडा हुआ है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि हमारे सामाजिक मूल्य क्या हैं। अभी कोविड की चर्चा में डॉ गोयनका ने बताया कि किस तरह मैंने शुरुआत की थी।

मुझे याद है जब मैंने कहा था- ये कोरोना सामने है, तब मेरा मजाक उड़ाया गया था। मैं इंटरनेशनल अखबार पढ़ता था। उसमें कोविड की भयंकर समस्या सामने आने वाली है। जब मैंने कहा हमें कोविड की तैयारी करनी है तो मुझे कहा गया, ये कोरोना नहीं कमलनाथ का डरोना है कमलनाथ का, लेकिन मैं जानता था, क्या होने वाला है।

कमलनाथ ने हमीदिया अस्पताल के एआरटी सेंटर के इंचार्ज डॉ.हेमंत वर्मा का सम्मान किया।

कमलनाथ ने हमीदिया अस्पताल के एआरटी सेंटर के इंचार्ज डॉ.हेमंत वर्मा का सम्मान किया।

कमलनाथ ने बताया सीएम शिवराज ने मांगी थी मदद
कमलनाथ ने कहा- जब टैंकर्स की कमी आई। तब मुझे मुख्यमंत्री शिवराज जी ने फोन किया कि ऑक्सीजन की बहुत कमी हो रही है। टैंकर नहीं मिल रहे। मैंने पूछा टैंकर बनाता कौन है? उन्होंने कहा- मैं अपने प्रिंसिपल सेक्रेटरी से कहता हूं, वो आपसे बात करेंगे। उनके पीएस का फोन आया। बताया कि फलां कंपनी टैंकर बनाती है। मैंने स्टाफ से चेक कराकर उस कंपनी के चेयरमैन को फोन किया। उन्होंने ऐसे बात करनी शुरू की, जैसे कि मेरे दोस्त हों।

उन्होंने बताया कि मुझे याद है कि जब आपने हमें फॉरेन कॉलेबोरेशन की परमिशन सात दिन दिलाई थी। मैंने कहा- वो सब पुरानी बातें हैं, अभी हमें टैंकर चाहिए। उन्होंने कहा टैंकर तो सारे अलॉट हो गए हैं। मैंने कहा- अभी आज ही डायवर्ट करिए। तब टैंकर मप्र पहुंचे, इससे हमें राहत मिली। इतने सारे रेमडेसिवर और फेबी फ्लू हो गए, आज भी मेरे पास एक-दो हजार रेमडेसिवर इंजेक्शन पड़े होंगे। ये मेरी लगन थी।

कांग्रेस स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करते कमलनाथ।

कांग्रेस स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करते कमलनाथ।

छिंदवाड़ा में नहीं होने दी ऑक्सीजन और इंजेक्शन की दिक्कत

कमलनाथ ने कहा- कोविड शुरुआती स्थिति में था। मुझे याद है- मैं 5 अप्रैल 2020 को छिंदवाड़ा में था। हमने अधिकारियों, डॉक्टरों के साथ बैठक की। मैंने पूछा कि आपको किस चीज की जरूरत है? आपको क्या जरूरत पड़ सकती है? बताया गया कि ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। एक इंजेक्शन का नाम लिया, जिसका नाम मैंने कभी सुना नहीं था रेमडेसिविर। मैंने पूछा- इस इंजेक्शन को कौन बनाता है? जवाब मिला- सन फार्मा।

मैंने उसी समय सन फार्मा के चेयरमैन को कॉल किया। उन्होंने पूछा- कौन सा इंजेक्शन। मैंने रेमडेसिवर का नाम बताया, तो बोले- मैं चेक करके बताता हूं। 15 मिनट बाद उनका फोन आया कि हमारा कन्साइनमेंट एक्सपोर्ट के लिए पोर्ट में पड़ा है। उसे रिवर्स करने में सात दिन लग जाएंगे। दूसरी कंपनी थी जूबिलेंट। मैंने तब ऑक्सीजन की जो कंपनी थी, उनको फोन किया कि सारे टैंकर छिंदवाड़ा डायवर्ट कर दीजिए। टैंकर की जीपीएस लोकेशन भेजते जाइए।

छिंदवाड़ा में ऑक्सीजन और रेमडेसिवर की कमी नहीं हुई। आपके साथी वहां होंगे, उनसे चेक कराएं। फिर लोगों ने कहा- फेबिफ्लू मंगा दो। वो मंगा दिए। इतना स्टॉक हो गया कि मैं साथियों से कहता था कि तुम्हें ये इंजेक्शन चाहिए? लोगों को भोपाल में बैठकर बांटता था।

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