बैतूल में रसोइयों का प्रदर्शन: थाली चम्मच बजाकर पहुंची कलेक्टोरेट, कहा- नहीं मिला रुका हुआ मानदेय, तो बंद कर देंगे खाना बनाना

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बैतूल9 घंटे पहले
जिले भर की रसोइयों ने आज बैतूल में थाली चम्मच बजाकर कलेक्टोरेट में प्रदर्शन किया। मानदेय न मिलने से तंग रसोइयों ने चेतावनी दी है कि अगर एक महीने में उन्हें रुका हुआ मानदेय बढ़ाकर नहीं मिला, तो वह स्कूलों में खाना बनाना बंद कर देंगे।
अटल मानव समस्या निवारण समिति ( अटल सेना ) के बैनर तले आज सैकड़ों रसोइया महिलाएं बैतूल में जुटीं। बैतूल गंज क्षेत्र से रैली निकालकर कलेक्टोरेट पहुंचे रसोइया हाथों में थाली चम्मच लिए हुए थे। थाली पीटकर उन्होंने अपने गुस्से का इजहार किया। रसोइयों ने कहा कि उन्हें रसोई चलाने का मानदेय समय पर नहीं मिल रहा है। आज जब चाय सात रुपए में मिल रही है। उनसे प्रायमरी क्लास का तो प्रति छात्र पांच रुपया ही दिया जा रहा है। सिर्फ दो हजार की तनख्वाह मिल रही है। वह भी सात माह से नहीं मिली है। वे लोग कर्ज में डूबते जा रहे हैं। संघ के प्रांताध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें अब मानदेय नहीं बल्कि वेतन चाहिए। अगर एक माह में वेतन नहीं मिला। राशि बढ़ाकर नहीं दी गई, तो वे खाना नही बनाएंगे।
यह हैं मांगे
1. मानदेय नही अब वेतन चाहिए ।
2. 7 माह से समूह एवं मध्यान्ह भोजन रसोईयो को धन राशि नहीं मिली समूह कर्ज में डूबा जा रहा है ।
3. 3-4 माह से सोसाईटीयो से राशन नहीं मिल पाता है कर्ज लेकर स्कूल बच्चो का पूरा करना पड़ रहा है।
4. मध्यान्ह भोजन बना रही रसोइयों का वेतन प्रतिमाह 9000 रुपये कलेक्टर दर से दिया जाए ।
5. आंगनवाड़ी नास्ता – भोजन बना रही महिलाओं का वेतन प्रतिमाह 2000 हजार रुपये दिया जाए ।
6. प्राथमिक शाला प्रति बच्चा भोजन 15 रुपये से दिया जाए ।
7. माध्यमिक शाला प्रति बच्चा भोजन 20 रुपये से दिया जाए ।
8. प्राथमिक शाला प्रति बच्चा खाद्यन्न 150 ग्राम दिया जाए ।
9. माध्यमिक शाला प्रति बच्चा को खाद्यन्न 200 ग्राम दिया जाए ।


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