शीर्ष कोर्ट : ‘आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना होगा वैकल्पिक’, चुनाव आयोग ने इस कदम के बारे में दी जानकारी

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने के संदर्भ में फॉर्म में ‘स्पष्टीकरणात्मक’ बदलाव करेगा। इससे मतदाताओं को पता चलेगा कि यह वैकल्पिक है। आयोग ने यह जवाब जी निरंजन द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया। शीर्ष अदालत ने जनहित याचिका पर 27 फरवरी को चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था।
इस याचिका में मतदाताओं के पंजीकरण (संशोधन) नियम, 2022 के नियम 26 बी में स्पष्टीकरण देने के संदर्भ में मांग की गई थी। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने जनहित याचिका का निपटारा कर दिया।
फॉर्म में ‘स्पष्टीकरणात्मक’ बदलाव किया जाएगा- चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह मतदाता सूची में नये मतदाताओं को जोड़ने और पुराने मतदाताओं के रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए आधार नंबर की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए अपने फॉर्म में बदलाव करेगा। इसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि मतदाता पहचान पत्र के लिए आधार वैकल्पिक है।
इस दौरान, चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सुकुमार पट्टजोशी ने कहा कि मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में 66 करोड़ से अधिक आधार नंबर पहले ही अपलोड किए जा चुके हैं। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने दोहरी प्रविष्टियों को खत्म करने के लिए एक नया नियम बनाया था। इसमें आधार को मतदाता सूचियों से जोड़ने की बात कही गई थी।