राशन के लिए भटक रहे ग्रामीण: जनसुनवाई में 5 बार दिया आवेदन, फिर भी नहीं मिला योजना का लाभ

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पन्नाएक घंटा पहले

पन्ना जिले में अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही और मनमानी की वजह से शासन की मूलभूत योजनाओं से गरीब आदिवासी वंचित हो रहे हैं। सरकारी चौखटों पर एक दो बार नहीं बल्कि पांच-पांच बार किराया लगाकर गरीब सिर्फ यही अश्वासन लेकर आ रहे हैं कि इस बार तो काम हो ही जाएगा। लेकिन शासन की लचर व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।

ताजा मामला पन्ना जिले के ददोलपुरा गांव से सामने आया है। यहां के लगभग 25 से 30 परिवार आज भी खाद्यान्न वितरण प्रणाली के लाभ से वंचित हैं। लोगों ने पन्ना कलेक्ट्रेट पहुंचकर जनसुनवाई में पांचवी बार आवेदन दिया। इस बार भी ग्रामीण आश्वासन लेकर लौट गए।

दरअसल, पन्ना जिले की गुनोर जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्रामपंचायत विक्रमपुर के आदिवासी बाहुल्य ग्राम ददोलपुरा के लगभग 10 ग्रामीणों ने कलेक्टर को आवेदन देकर खाद्यान्न पर्ची जारी करवाने की मांग की है।आवेदन देने आए राजेंद्र आदिवासी ने बताया कि चार माह से लगातार सरपंच, सचिव और कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई में पांच बार आवेदन दे चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।

हम सभी गरीब लोग हैं। मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। खाद्यान्न पर्ची न होने की वजह से अनाज नहीं मिलता है। जिससे राशन खरीदकर खाना हमारी मजबूरी बन गई है। इसी प्रकार राधा प्रजापति ने बताया कि सचिव से कहकर हार गए हैं। जनसुनवाई में इस बार पांचवीं बार आवेदन दिया है। इसके पहले भी अपना किराया लगाकर पन्ना आए और आवेदन दिए, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।

खाद्य विभाग फार्म कर रहा रिजेक्ट

जब इस विषय पर ग्राम पंचायत विक्रमपुर के सचिव पहलवान सिंह राजपूत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर से कई बार फॉर्म ऑनलाइन कर दिए हैं। लेकिन हर बार ऊपर से रिजेक्ट हो जाते हैं। जिसमें खाद्य विभाग फॉर्म रिजेक्ट कर रहा हैं। फिर भी एक बार और सभी के फॉर्म सब्मिट किए जाएंगे।

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