59​​​​​​​वां मां काली पूजा महोत्सव: बंगाली समाज ने मनाया, प्रतिमा के विसर्जन से पहले महिलाओं ने किया माता का सिंदूर वरन

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बालाघाट6 घंटे पहले

बालाघाट में दीपावली के दिन से पांच दिनों तक धूमधाम से बंगाली समाज ने माता काली जी की आराधना की। इस दौरान विराजित माता काली की भक्तों ने पूजा-अर्चना कर भंडारे का आयोजन किया। साथ ही विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसमें जितने वाले प्रतिभागियों को प्रथम द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सार्वजनिक काली पूजा समिति के पदाधिकारियों ने बढ़े ही उत्साह और समर्पण के साथ बूढ़ी स्कूल के परिसर में यह पूजा सम्पन्न कराई। हमेशा की तरह निश्चित तिथि पर माता काली जी की मूर्ति स्थापना कर बंगाली संस्कृति रीति-रिवाज अनुसार लगातार 5 दिनों तक भक्तों ने माता का आशीर्वाद प्राप्त किया।

प्रत्येक वर्षानुसार इस वर्ष भी पुजा स्थल में श्रद्धालु भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। बंगाली समाज के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सहयोग देने वाले सभी कार्यकर्ताओं को समिति द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात हवन कर 28 अक्टूबर देर शाम विधि विधान के साथ, देवी तालाब में माता जी का विसर्जन किया गया। इस दौरान सभी स्वजातीय बंधुओं ने सभी की सुख समृद्धि और शांति की कामना की।

बता दें, काली पूजा के दौरान कुर्शी दौड़, नृत्य व रैंप प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें समाज के बच्चे, बड़े व महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान काली पूजा समिति द्वारा पंडाल में पधारने वाले भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन किया था। जिसमें प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर माता का आशीर्वाद प्राप्त किया।

काली पूजा समिति अध्यक्ष अरुण सामंत, कोषाध्यक्ष रंजीत चौधरी, सचिव स्वरूप सामंत, उपाध्यक्ष तपन दा व सपन दा का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। साथ ही सामाजिक हित में किए गए कार्यों के लिए सुब्रतो चौधरी, अशोक बनर्जी, प्रदीप रॉय, मनोज चक्रवर्ती, ओनीमा पंडित,एस सी गोलदार इन सभी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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