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बर्बाद होने की कगार पर है कोवाक्सिन की 5 करोड़ खुराक, कंपनी ने बताई यह वजह…

हैदराबाद ,06 नवंबर। कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने बताया कि उसके पास पड़ी हुई कोरोना वैक्सीन की पांच करोड़ खुराक 2023 की शुरुआत में एक्सपायर होने जा रही है। कंपनी ने कहा कि खराब मांग के कारण कोई खरीदार नहीं मिल पा रहा है जिससे चलते भारी नुकसान की आशंका है।



कंपनी ने कहा कि हमने अपने आपूर्ति दायित्व पूरे कर लिए हैं और टीके की मांग में आई कमी को देखते हुए अस्थाई रूप से इसके उत्पादन को फिलहाल बंद करने का फैसला लिया है। हमारे पास अभी पर्याप्त मात्रा में खुराक मौजूद हैं बल्कि पांच करोड़ से अधिक खुराक एक्सपायर होने की कगार पर हैं। कंपनी ने कहा कि आने वाले समय में कंपनी लंबित सुविधा रखरखाव, प्रक्रिया और सुविधा अनुकूलन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के रूप में आए स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान कंपनी की सभी मौजूदा सुविधाओं को कोवाक्सिन के उत्पादन के लिए उसी के अनुसार बदला गया था। पिछले साल लगातार इसका उत्पादन हुआ था।



राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोवाक्सिन सहित कोविड-19 टीकों की 219.71 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं। चूंकि वैश्विक स्तर पर संक्रमण दर में तेजी से गिरावट आ रही है, इसलिए कोवाक्सिन के निर्यात पर विदेशी देशों द्वारा खराब उठान का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार अब COVID-19 को अब विश्व स्तर पर खतरा नहीं माना जा रहा है। वहीं इससे पहले अप्रैल 2022 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के माध्यम से कोवाक्सिन की आपूर्ति के निलंबन की पुष्टि की और सिफारिश की कि वैक्सीन का उपयोग करने वाले देश उचित कार्रवाई करें।



ब्राजील सरकार ने भी आयात पर लगाई थी रोक
वहीं जब 2021 के दौरान COVID-19 संक्रमण अपने चरम पर था, ब्राजील सरकार ने विवाद के बाद कोवाक्सिन की  दो करोड़ खुराक आयात करने के अपने निर्णय को निलंबित कर दिया।

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