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जिस डॉक्टर ने दिया था धोखा, महिला को चाहिए उसी की किडनी…

पटना ,17 नवंबर। बिहार में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक डॉक्टर की लापरवाही से महिला को अपनी दोनों किडनी गंवानी पड़ी। अब महिला इस बात पर अड़ गई है कि उसे उसी डॉक्टर की किडनी चाहिए जिसकी वजह से उसकी यह हालत हो गई है। हालांकि एक 80 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी किडनी डोनेट करने पेशकश की है, लेकिन महिला अपनी जिद पर अड़ी है।

बिहार के मुजफ्फरपुर की महिला सुनीता देवी की दोनों किडनी एक डाक्‍टर ने यूट्रस निकालने की बात कहकर कथित तौर पर धोखे से निकाल दी। इसके बाद करीब दो महीने से डायलिसिस के सहारे जिंदा इस महिला को अब किडनी ट्रांसप्‍लांट से ही बचाया जा सकता है। उसकी जिद है कि उसे उसी डाक्‍टर की ही किडनी चाहिए, जिसने निकाली है। इस बीच घटना की जानकारी होने पर 80 साल के एक बुजुर्ग ने अपनी किडनी देने की पेशकश की है। बुजुर्ग कहते हैं कि उन्‍होंने तो अपनी जिंदगी जी ली है, अगर उनकी किडनी से सुनीता को नया जीवन मिल जाए तो उन्‍हें संतोष होगा।

मामला बिहार के मुजफ्फरपुर के बरियारपुर स्थित बाजी कस्बे का है। वहां की निवासी सुनीता देवी पेट दर्द की शिकायत पर मुजफ्फरपुर के शुभ कांत क्लिनिक पर पहुंचीं। सुनीता के भाई अरुण ने बताया कि डाक्टर ने यूट्रस का आपरेशन करने की बात कही। बीते तीन सितंबर को आपरेशन हुआ, लेकिन इसके बाद हालत और खराब होने पर स्‍वजन उसे पटना मेडिकल कालेज एवं अस्‍पताल (PMCH) ले गए। वहां पांच सितंबर को दोनों किडनी निकाल लिए जाने का पता चला।

घटना उजागर होने पर हड़कम्‍प मच गया। सुनीता की मां तेतरी देवी ने एफआइआर दर्ज कराई। एफआइआर में नर्सिंग होम के संचालक पवन कुमार और आपरेशन करने वाले डाक्टर को आरोपित किया गया है। पुलिस ने पवन काे गिरफ्तार कर लिया है। घटना की जांच पुलिस के अलावा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग भी कर रहा है। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डाक्‍टर यूसी शर्मा ने प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र प्रभारी से रिपोर्ट मांगी है। इस बीच आरोपित पवन ने खुद को बेकसूर बताया है।

फिलहाल सुनीता का इलाज मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्‍ण मेडिकल कालेज एवं अस्‍पताल (SKMCH) में चल रहा है। उसकी नियमित डायलिसिस की जा रही है। एसकेएमसीएच के अधीक्षक डाक्‍टर बीएस झा ने बताया कि जान बचाने के लिए महिला की हर दूसरे दिन डायलिसिस की जा रही है। पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्‍थान (IGIMS) में किडनी उपलब्ध होने पर उसे ट्रांसप्लांट के लिए भेजा जाएगा।

डाक्‍टर की ही किडनी चाहती है सुनीता
तीन नाबालिग बच्चों की युवा मां सुनीता अपने बच्‍चों की खातिर जिंदा रहना चाहती है। उसने कहा है कि उसकी दोनों किडनी निकालने वाले डाक्टर की ही किडनी लेकर उसे दी जाए। डाक्टर की किडनी नहीं मिले तो उसकी पत्नी किडनी दें। ऐसा नहीं होने पर अगर वह मर जाती है तो डाक्टर का शव भी उसके साथ ही जले। सुनीता के अनुसार ऐसी कार्रवाई एक नजीर बनेगी। विदित हो कि आरोपित डाक्टर आरके सिंह फरार है।

80 साल के बुजुर्ग ने मदद के बढ़ाए हाथ
इस बीच सुनीता की हालत देख मुजफ्फरपुर के 80 साल के एक बुजुर्ग ने मदद के हाथ बढ़ाए हैं। साधारण परिवार से ताल्‍लुक रखने वाले व पेशे से बिजली मिस्‍त्री श्यामनंदन सिंह अविवाहित हैं। वे लंबे समय से अंगदान करने की इच्‍छा रखते हैं। वे कहते हैं कि उन्‍होंने तो अपनी जिंदगी जी ली है। अगर उनकी किडनी से सुनीता की जान बच जाए तो उन्‍हें संतोष होगा। बुधवार को वे सुनीता से मिलने एसकेएमसीएच गए थे। वे बताते हैं कि उनकी इच्‍छा जानकर सुनीता भावुक हो गई थी।

सुनीता को किडनी देने के लिए कोई स्‍वजन आगे आए या उसे श्याम सुंदर सिंह की किडनी दी जाए, यह फैसला आसान नहीं है। किडनी ट्रांसप्‍लांट के पहले कई तरह की मेडिकल जांच की जाती है। इसके बाद ही डाक्‍टर फैसला लेते हैं। एसकेएमसीएच के अधीक्षक डाक्‍टर बीएस झा ने बताया कि किडनी डोनेशन व ट्रांसप्‍लांट की विशेष प्रक्रिया होती है। इसके तहत कई तरह की जांच की जाती है। यह भी देखा जाता है कि ली जाने वाली किडनी को मरीज का शरीर स्‍वीकार करेगा या नहीं।

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