सीनियर एग्जिकेटिव से एक लाख रुपए की धोखाधड़ी: पहले कोरियर वालों ने एक लिंक दी, ओपन करके 5 रुपए का किया भुगतान, फिर दूसरे खातों से निकलने लगे रुपए, प्रकरण दर्ज

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धार14 मिनट पहले
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पीथमपुर में स्थित सिप्ला कंपनी में पदस्थ एक अधिकारी के साथ करीब एक लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई हैं। अधिकारी का एक चेक ऑनलाइन सर्विस के माध्यम से कोरियर के द्वारा आया था। इस दौरान कोरियर की एक लिंक आई थी, जिस पर मात्र 5 रुपए ट्रांजेक्शन किया गया था, जिसके बाद अचानक उनके रुपए अन्य खातों से जाने लगे।
इस बात की सूचना कंपनी के अधिकारी ने पहले राऊ थाने व इंदौर साइबर में दी, जिसके बाद प्रकरण पीथमपुर में पुलिस थाने पर पहुंचा, जहां पर पुलिस को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी व बैंक का ट्रांजेक्शन सहित संबंधित लिंक के बारे में बताया। ऐसे में पुलिस ने संबंधित खाता धारक टुनीदेव के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

दरअसल कंपनी में क्वालिटी कंट्रोल विभाग में पदस्थ सीनियर एग्जिकेटिव दिनेश पडीहार का एक चैक कोरियर के माध्यम से आ रहा था, पहले दिनेश पडीहार ने उक्त चैक के संबंध में राऊ बातचीत की इसके बाद लोकल बैंक में सपंर्क किया। जिन्होंने ब्लू डार्ट कोरियर से चेक वापस आने की बात बताई। उक्त चेक एचडीएफसी का वापस आना था,
इसके बाद 25 अगस्त को दोपहर के समय दिनेश को फोन आया कि आपका कोरियर ब्लू डार्ट कोरियर से आया हैं, जिसका पार्सल ओपन करने के लिए आपको एक लिंक भेजी जा रही हैं, जिसपर आपको 5 रुपए पेमेंट करना है।
दिनेश ने पार्सल के लिए राहुल कुमार के बोलने पर संबंधित लिंक के माध्यम से भुगतान किया, इसके बाद पार्सल जल्द इंदौर विजयनगर से दिनेश के घर भिजवाने की बात कही गई। 26 अगस्त को शाम के समय दिनेश के मोबाइल पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के खाते से अलग-अलग मैसेज आए व 99 हजार 896 रुपए व एक अन्य बैंक खाते से करीब 1300 रुपए की धोखाधड़ी हो गई।

तीनों खाते होल्ड करवाए, जांच शुरु
दिनेश पडीहार के अनुसार रात में खातों से रुपए निकलने के बाद कस्टमर केयर से बातचीत करके पहले तीनों खाते होल्ड करवाए है। पीड़ित दिनेश ने 5 रुपए का भुगतान अपने दूसरे खाते से किया था तथा रुपयों की धोखाधडी दो अन्य खातों से हुई हैं, इन खातों की जानकारी आरोपियों के पास कैसे पहुंची, पुलिस उसको लेकर अब जांच में जुटी है।
पीड़ित ने पीथमपुर पुलिस को उक्त व्यक्तियों के दोनों नंबर, संबंधित लिंक के बारे में बताया है, जिसके बाद टुनीदेव के नंबर धारक पर प्रकरण दर्ज किया गया है। टीआई तारेश सोनी के अनुसार संबंधित व्यक्ति के द्वारा आवेदन दिया गया हैं, प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है।
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