भोपाल के सरकारी स्कूल MP में सबसे खराब: रैंकिंग में इंदौर 43वें नंबर पर; छिंदवाड़ा को पछाड़ छतरपुर नंबर वन

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भोपाल11 मिनट पहले

मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों की रैंकिंग गुरुवार को जारी की गई है। राज्य शिक्षा केंद्र ने पहली से 8वीं क्लास तक की रिपोर्ट तैयार की है। परफॉर्मेंस के मामले में छतरपुर ने इंदौर-भोपाल जैसे बड़े शहरों को भी पीछे छोड़ दिया। छतरपुर में 83.81% के साथ ग्रेड A लेकर प्रदेश में अव्वल जिला बना है। छिंदवाड़ा पिछली बार पहले नंबर था, इस बार वह तीसरे नंबर पर आ गया। छतरपुर के बाद बालाघाट 81.96% के साथ दूसरे नंबर रहा। छिंदवाड़ा 81.67% के साथ तीसरे नंबर पर रहा। पिछली बार छिंदवाड़ा को A ग्रेड मिला था, इस बार 15 स्कूलों को A ग्रेड मिला है।

संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस ने बताया कि कक्षा पहली से आठवीं तक की शासकीय शालाओं के लिए जिलों की रैंकिंग जारी की गई है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रदर्शन के आधार पर प्रदेश के सभी 52 जिलों की प्रावधिक रैकिंग दी गई है। रैंकिंग में आखिरी पायदान पर ग्रेड C के साथ 50वें स्थान पर रतलाम 52, B ग्रेड के साथ भोपाल 51 और धार 50वें नंबर पर रहे। इस बार D ग्रेड किसी को भी नहीं दिया गया।

7 बिंदुओं पर रैंकिंग ली

जारी रैंकिंग में 7 प्रमुख बिंदुओं के लिए शिक्षा विभाग की अपेक्षाओं अनुरूप अंक निर्धारित किए गए है। इस तरह नंबरों का विभाजन किया गया।

श्रेणी अंक
नामांकन और ठहराव 21
सीखने के परिणाम और गुणवत्ता 21
शिक्षक व्यावसायिक विकास 10
समता 10
बुनियादी ढांचा और सुविधा 13
शासन प्रक्रियाओं और वित्तीय प्रबंधन 20
पढ़ना लिखना अभियान 5

इनमें माह की प्राथमिकता के अनुसार समसामयिक रूप से परिवर्तन किए जाते रहेंगे। इस तरह समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत संचालित कार्यक्रम और गतिविधियों के साथ ही छात्रों के सीखने के प्रतिफल, शिक्षकों की क्षमता संवर्धन, शालाओं में उपलब्ध संसाधन और विभिन्न मूल्यांकनों में शालाओं के प्रदर्शन आदि को ध्यान में रखते हुए प्रदर्शन आधारित रैंकिंग तैयार की गई है।

इस आधार पर अंक दिए गए

  • नामांकन और ठहराव घटक में पहली कक्षा में विद्यार्थी का एनरोलमेंट, कक्षा पांचवी से छठवीं कक्षा में विद्यार्थी के प्रवेश का प्रतिशत और विद्यार्थी की शाला छोड़ने की दर को महत्व दिया गया है।
  • सीखने के परिणाम और गुणवत्ता घटक में विद्यार्थियों का स्कूल, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण और नेशनल मींस कम मेरिट स्कॉलरशिप में प्रदर्शन के साथ कक्षा पांचवी और आठवीं में ए और ए प्लस ग्रेड लाने वाले विद्यार्थियों के प्रतिशत को ध्यान में रखा गया है।
  • समता घटक में समाज के कमजोर वर्ग अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों का कक्षा पांचवी और आठवीं में प्रदर्शन के साथ दिव्यांग विद्यार्थियों के पहचान और प्रोफाइल अपडेशन, सुविधाएं और प्रदर्शन को ध्यान में रखा गया है।
  • बुनियादी ढांचा और सुविधा में शालाओं में रैंप और बिजली की सुविधा, स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में शालाओं का प्रतिशत और सिविल वर्क के पूर्ण करने को महत्व दिया है।
  • शिक्षक व्यावसायिक विकास घटक में शिक्षकों का NISTHA FLN सर्टिफिकेशन में प्रतिशत और राज्य स्तरीय टीएलएम मेला में शिक्षकों की भागीदारी को ध्यान में रखा गया है।
  • शासन प्रक्रियाओं और वित्तीय प्रबंधन घटक में सीएम हेल्पलाइन कंप्लेंट, सीआरसी और बीआरसी द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण, कम नामांकन वाली शालाएं और वित्तीय कुशलता का मापन किया जाएगा।
  • पढ़ना लिखना अभियान घटक में अभियान के तहत जिले में वॉलंटियर के रजिस्ट्रेशन और मूल्यांकन में नव साक्षर की सहभागिता का मूल्यांकन किया जाएगा।

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