गांधी सागर बांध की सुरक्षा SISF को देने की तैयारी: 5 km क्षेत्र में ड्रोन पर प्रतिबंध, रहवासी लोगों का किया जाएगा वेरीफिकेशन

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मंदसौर42 मिनट पहले
चंबल नदी पर बने गांधी सागर बांध पर सीएजी की रिपोर्ट के बाद मंदसौर जिला प्रशासन ने उन तमाम तकनीकी खामियों सहित अन्य सुझाव पर अमल करना शुरू कर दिया है। इनकी वजह से भविष्य में बांध को खतरा हो सकता है। कलेक्टर गौतम सिंह ने बताया कि बांध की तकनीकी खामियों को दूर करने के साथ ही क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की जानकारी जुटाने के लिए सर्वे शुरू किया गया है। इसके लिए राजस्व विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अगले 10 दिनों में गांधी सागर बांध के आसपास रहने वाले तमाम लोगों की जानकारी जुटाई ली जाएगी। इसके साथ ही बांध पर अन्य स्ट्रक्चर बनाने और तकनीकी कमियां दूर करने के लिए सरकार को 77 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है।
हाई सेंसेटिव झोन में बांध की सुरक्षा
कलेक्टर गौतम सिंह के मुताबिक गांधीसागर बांध को हाई सिंसेटिव झोन में रखा गया है। बांध को किसी तरह का नुकसान न हो या कोई इसे नुकसान नहीं पहुंचा पाए इसके प्रबंध किए जा रहे है। डीएम ने बताया कि पिछले दिनों बैठक के दौरान गरोठ विधायक देवीलाल धाकड़ ने गांधी सागर क्षेत्र में लगातार बाहर से आकर अवैध रूप से रहने वाले संदिग्ध लोगों का मुद्दा उठाते हुए इससे बांध की सुरक्षा को खतरा बताया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग के साथ टीमें बनाकर गांधी सागर क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों का सर्वे किया जा रहा है। वहीं, बांध के 5 किलोमीटर के क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंधित किया हैं।
बांध की सुरक्षा SISF के जिम्मे
गांधीसगर बांध पर पदस्थ कार्यपालन यंत्री एच के मालवीय ने बताया कि बांध की सुरक्षा अब SISF के हाथो में होगी। सुरक्षा एजेंसी से ईएमओयू साइन हो चुका है। राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के हाथों में बांध की सुरक्षा होने के बाद इन सिक्योरिटी ज्यादा हो जाएगी। वर्तमान में बांध की सुरक्षा विभाग के जिम्मे है। कलेक्टर ने बताया कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है। कैग की रिपोर्ट के बाद जो तकनीकी कमियां बताई गई थी। उसे पूरा किया जा रहा हैं।
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