Chhattisgarh

डॉक्टरों ने सीखी नवजात शिशुओं में श्वासनली के प्रबंधन और एनेस्थीसिया देने की प्रक्रिया

रायपुर । पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एनेस्थीसिया एवं पेन मेडिसिन विभाग ने नियोनेटल एनेस्थीसिया सोसाइटी के तत्वावधान में “नियोनेटल एयरवे मैनेजमेंट” पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य चिकित्सकों को नवजात शिशुओं में विभिन्न विधाओं द्वारा श्वासनली के प्रबंधन का प्रशिक्षण देना था, ताकि वे आपातकालीन परिस्थितियों में नवजात शिशु में श्वासनली का समय पर सुरक्षित प्रबंधन कर कृत्रिम श्वास दे सकें और शल्यक्रिया के दौरान नवजात को बेहोश कर सकें।

इस कार्यशाला में प्रतिभागी चिकित्सकों ने नवजात शिशु के मॉडल्स की श्वास नली में विभिन्न बुनियादी एवं उन्नत उपकरणों की सहायता से एंडोट्रेकियल ट्यूब डालकर, उसे ऑक्सीजन एवं निश्चेतना देने का प्रशिक्षण लिया। इस दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. प्रतिभा जैन शाह ने बताया कि नवजात शिशुओं में श्वास नली का प्रबंधन करना तथा निश्चेतना देना बहुत ही संवेदनशील एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है और इसके लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। उन्होंने नवजात के वायुमार्ग को कठिन बनाने वाले विभिन्न कारणों तथा उनके निवारण पर विस्तार से चर्चा की।

चिकित्सा महाविद्यालय की डॉ. रश्मि नायक ने बुनियादी उपकरणों के बारे में जानकारी दी, जबकि एम्स रायपुर के डॉ. मयंक कुमार ने नवजात के वायुमार्ग के प्रबंधन हेतु उन्नत उपकरणों का वर्णन किया। बालाजी मेडिकल कॉलेज की डॉ. अनीषा नगरिया ने मूल्यांकन तकनीकों को समझाया और डॉ. प्रतीक्षा अग्रवाल ने वायुमार्ग सुरक्षित करने के दौरान उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की।

इस प्रशिक्षण में प्रमुख योगदान देने वाले अनुभवी शिक्षक थे: डॉ. प्रतिभा जैन शाह, डॉ. मयंक कुमार, डॉ. रश्मि नायक, डॉ. प्रतीक्षा अग्रवाल और डॉ. अनीषा नगरिया। डॉ. प्रतिभा जैन शाह ने बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की यह पहल आपातकालीन परिस्थितियों में तथा जटिल ऑपरेशन के दौरान नवजात की सुरक्षित देखभाल में महत्वपूर्ण साबित होगी।

Related Articles

Back to top button