तुलसी चरचा राम के कटे कोटि अपराध -राजेश्री महन्त

महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास महाराज धान मंडी के पीछे देवरी, बिलासपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में सम्मिलित हुए। उन्होंने व्यास पीठ की पूजा अर्चना करके व्यास पीठ पर विराजित आचार्या श्रीमती संगीता मिश्रा को साल, श्रीफल भेंट किया आचार्या जी ने भी साल, श्री फल, पुष्पमाला भेंट करके महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त की।
इस अवसर पर श्रोताओं को अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए राजेश्री महन्त रामसुंदर दास महाराज ने कहा कि- जीवात्मा का जिस दिन इस धरा धाम में आगमन होता है तभी से उसे पर तीन ऋण स्वत: ही हो जाया करते हैं देव ऋण, गुरु ऋण एवं पितृ ऋण। इन तीनों से व्यक्ति इस तरह के आध्यात्मिक आयोजन करके देव ऋण,अपने आचार्य एवं गुरु जन की सेवा करके गुरु ऋण तथा माता-पिता की सेवा करके पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है। हमें अपने जीवन में ईश्वर के नाम का सुमिरन निरंतर करना ही चाहिए।
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने लिखा है कि – एक घड़ी आधी घड़ी आधी में पुनि आध। तुलसी चरचा राम के कटे कोटि अपराध।। इस कार्यक्रम में हम थोड़े समय के लिए ही सही सम्मिलित हो पाए यह हमारा परम सौभाग्य है। व्यास पीठ पर विराजित आचार्या श्रीमती मिश्रा जी ने इस अवसर पर कहा कि -श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के इस कार्यक्रम में श्री शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुंदर दास महाराज का आगमन हुआ यह ईश्वर की कृपा ही है। संतो के आगमन से कार्यक्रम सफल हो जाते हैं, हम उनका हृदय से आभारी हैं। उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम श्री जितेंद्र यादव जी के परिवार के द्वारा आयोजित किया गया है, इस कार्यक्रम में स्थानीय पार्षद एवं उनके सहयोगी गण तथा बड़ी संख्या में माताएं एवं मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, हर्ष दुबे विशेष रूप से उपस्थित थे।