जल व स्वच्छता मिशन को लेकर सेमिनार: कलेक्टर ने कहा- जल का नहीं कोई विकल्प, आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बचे जल

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विदिशा34 मिनट पहले

मध्यप्रदेश राज्य स्थापना दिवस समारोह पर साप्ताहिक गतिविधियों को किया जा रहा है। इसी क्रम में वन्यप्राणी सुरक्षा, जागरूकता, ऊर्जा-पर्यावरण-जल संरक्षण, भूजल संवर्धन, जल के अपव्यय को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। जल एवं स्वच्छता मिशन को लेकर जागरूकता सेमिनार, व्याख्यान कार्यशाला का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा कि जल का कोई विकल्प नहीं है। आने वाली पीढ़ी के लिए हम विरासत में जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। इसके लिए जल संचय, संवर्धन व सदुपयोग अति आवश्यक है। भू-जल का हम दोहन कर रहे हैं, लेकिन उस अनुपात में पानी जमीन के अन्दर नहीं जा रहा है, जिस अनुपात में हम उसे निकालने का काम करते हैं। दिनो दिन जल स्तर में गिरावट आ रही है। पहले 15 से 20 फीट पर पानी सुगमता से मिल जाता था, लेकिन अब 40 से 60 फीट पर बमुश्किल से मिल रहा है।

जल के अपव्यय को रोका जा सके
कलेक्टर ने किसानों से आह्वान किया कि खेती के काम के लिए आवश्यकता के अनुसार ही पानी का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि सिंचाई के संसाधनों में हम जल की मात्रा का अधिक अपव्यय ना करें। हम सबको सिंचाई के आधुनिक सामग्री का उपयोग करते हुए पूरी नजर रखनी होगी, जिससे जैसे ही जल की पूर्ति हो अपव्यय को रोका जा सके। कलेक्टर ने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हमें पानी आसानी से मिल रहा है, जबकि दूसरे देशों में पानी की समस्या है।

जल संचय के कामों पर डाला प्रकाश
जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट ने भविष्य को देखते हुए जल प्रबंधन के कामों को अति महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हम पर्यावरण के बदलते परिवेश में पानी को कैसे सहेज के रखें। इसके लिए विभिन्न संरचनाओं का निर्माण हर स्तर पर कराया जाना आवश्यक है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों, खासकर सरपंचों से अपील की है कि आगामी पांच साल की कार्ययोजना में स्वच्छता और जल संचय के काम अधिक से अधिक हों। उन्होंने जल संचय के लिए किए जाने वाले कामों पर भी गहन प्रकाश डाला है।

शिक्षक जल के उपयोग व बचत के लिए प्रशिक्षित करें
एसएटीआई कालेज के सिविल संकाय के एचओडी राजीव जैन ने जल सरंक्षण विषय पर सुझाव दिया कि शिक्षा विभाग की सभी शालाओं के एक-एक शिक्षक को जल के संरक्षण का प्रशिक्षण दिया जाए। शाला स्तर पर छात्र छात्राओं को शिक्षक जल के उपयोग व बचत के लिए प्रशिक्षित करें। इस अवसर पर पीएचई की रेणु सक्सेना और जिला पंचायत की परियोजना अधिकारी ऋचा जैन ने पेयजल सरंक्षण पर संबोधित किया।

ये रहे मौजूद
इस बैठक मे डीडब्लूएसएम के सदस्यों कार्यपालन यंत्री राजीव जैन, प्रतिभा सिंह, आलोक खरे, सीएमएचओ उपाध्याय, फारेस्ट एसडीओ सौरव काबरा, पीएचई एसडीओ अमर दाहिया के अलावा जिला पंचायत, जल संसाधन और पीएचई के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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