गुरुदेवदेव स्मृति कक्ष: निवृत्तमान शंकराचार्य के वस्त्रों व सामग्रियों से बनाया संग्रहालय, स्वामी जी के उज्जैन आगमन के दौरान उपयोग की वस्तुओं को भक्तों ने सहेजकर रखा

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  • The Museum Built With The Clothes And Materials Of The Retired Shankaracharya, The Devotees Kept The Items Of Use During Swamiji’s Arrival In Ujjain.

उज्जैन27 मिनट पहले

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  • यहां पर संचालित सेवाएं भक्तों और गुरु भाइयों के लिए नि:शुल्क रहेंगी

निवृत्तमान शंकराचार्य, पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी के उज्जैन आगमन के दौरान उपयोग की गई वस्तुओं और धारण की गई पोशाकों आदि सामग्रियों को उनके भक्तों ने सहेजकर रखा था। जिन्हें अब नर्सिंग घाट पर बनाए गए स्वामी के आश्रम में स्थित गुरूदेव स्मृति कक्ष में संग्रहित की गई है ताकि स्वामी जी के भक्त और गुरुभाई तथा आम श्रद्धालुओं के बीच में उनकी याद ताजा होती रहे और उनके दर्शन कर सकें।

समाजसेविका कीर्तिका मोढ़ ने स्वामी सत्यमित्रानंद जी के उज्जैन आगमन व उनके अलखधाम स्थित निवास पर आने के समय स्वामी जी के वस्त्र, जर्सी व साल तथा स्वामी जी के द्वारा उपयोग की गई सामग्रियों को संग्रहित कर लिया था। जिन्हें नरसिंह घाट पर बनाए गए स्वामी जी के आश्रम में स्थित गुरुदेव स्मृति कक्ष में रखा गया है। 21 मई-2016 को स्वामी जी की कटिंग व सेविंग बनाने वाले सेलून संचालक ने भी सेविंग में उपयोग की गई सभी सामग्री को एकत्रित करके रखा था। जिन्हें भी संग्रहालय में रखा गया है। समन्वय परिवार के उपाध्यक्ष सुरेश मोढ़ ने बताया स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी का शुरू से ही उज्जैन से बहुत जुड़ाव रहा है। उन्होंने शिप्रा नदी के किनारे समन्वय निलयम् सेवा सदन स्थापित करने और उसे संचालित करने की इच्छा जताई थी। इसके अनुरूप स्वामीजी की इस कल्पना को मूर्त रूप देने के लिए नृसिंह घाट के समीप गुरुदेव कुटीर का निर्माण किया गया। यहां पर गुरूदेव स्मृति कक्ष बनाया गया है। जिसमें गुरुदेव द्वारा अपने जीवनकाल में और उज्जैन आगमन के दौरान उपयोग की गई वस्तुओं और धारण की गई पोशाकों को स्मृति कक्ष में संग्रहित किया गया है। गुरुदेव द्वारा रचित साहित्य व उनके प्रवचनों की ऑडियो व वीडियो का भी एक संग्रहालय का संचालन किया जाएगा ताकि भक्तजन ऑडियो-वीडियो के माध्यम से स्वामीजी के प्रवचन सुन सकें और उनके दर्शन कर सकें। साथ ही न्यास द्वारा गुरुदेव के साहित्य व प्रवचनों का वितरण किए जाने का लक्ष्य भी रखा गया है। शिप्रा नदी के किनारे बनाए गए समन्वय निलयम् में करीब 28 कमरों का निर्माण होगा ताकि सिंहस्थ में देश-विदेश से आने वाले स्वामी जी के भक्तगण और गुरु भाइयों के ठहरने की व्यवस्था हो सके। यहां पर संचालित सेवाएं भक्तों और गुरु भाइयों के लिए नि:शुल्क रहेंगी।

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