Chhattisgarh

KORBA: हाथियो के दल में शामिल बच्चा नाले में गिरा…. जेसीबी से किया गया रेस्क्यू


कोरबा,16 सितंबर (वेदांत समाचार) । कटघोरा- अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग Katghora – Ambikapur National Highway को पार करते वक्त 21 हाथियों के दल में शामिल एक हाथी का बच्चा नाला में जा गिरा। इसके साथ हाथियों का दल वहीं ठहर गया और बच्चे को उसकी हथिनी (मां) निकालने की कोशिश करते रही। करीब डेढ से दो घंटे तक वह मशक्कत करती रही पर कांक्रीट की नाला में फंस गया बच्चा बाहर निकल नहीं पा रहा था। वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर जेसीबी के माध्यम से बच्चे को सकुशल बाहर निकाला और हाथी के दल मिलाया

कटघोरा वन मंडल Katghora Forest Division के अंतर्गत इन दिनों 21 हाथी का एक दल विचरण कर रहा है। गुरुवार को शाम पांच बजे यह दल कटघोरा से करीब 35 किलोमीटर दूर ग्राम मड़ई के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 130 National Highway 130को पार कर रहा था। बताया जा रहा है कि दल में शामिल करीब एक साल का हाथी का बच्चा सड़क किनारे एक नाला में जा गिरा। इस घटना के बाद हाथियों का दल सड़क पार करने की जगह वहीं रुक गया। इसके साथ ही सड़क में चलने वाले वाहनों के पहिए थम गए। इसकी जानकारी मिलने पर वन विभाग के अधिकारी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इस बीच एक हथिनी बच्चे को सूढ़ के माध्यम से बाहर निकालने का प्रयास करती नजर आई। हाथी के बच्चे को बाहर निकालने जेसीबी मंगाया गया। किसी तरह वन कर्मी नाले के नीचे उतरे और उसे रस्सी से बांधा गया। उसके बाद जेसीबी से खींच कर उपर सड़क पर लाया गया। ऊपर आते ही हाथी का बच्चा दौड़ कर हथिनी के पास चला गया।

हथिनी बार- बार आ जाती थी जेसीबी के सामने
केंदई वनपरिक्षेत्राधिकारी अभिषेक दुबे Forest Divisional Officer Abhishek Dubey ने बताया कि हाथी के बच्चे को निकालने पर जेसीबी मौके पर बुलाया गया, तो हथिनी जेसीबी के सामने आ जाती थी। इसकी वजह से बच्चे को निकालने में काफी विलंब हुआ। कुछ देर लिए वह घटनास्थल से थोड़ी दूर गई तो मौका मिलते ही टीम ने रेस्क्यू कर बच्चे को बाहर निकाल लिया। बच्चे के बाहर निकलने के बाद ही हाथियों का दल वापस जंगल की ओर रवाना हुआ। शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक मार्ग बाधित रहा।

हाथियों के हमला करो का भी था खतरा
हाथी के बच्चे को रेस्क्यू करने में 50 वन कर्मियों की टीम लगी रही। इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा था कि बच्चे को चोट न लगे और सुरक्षित ढंग से बाहर निकाला जाए। रस्सी से बांध सीधे उठाने की जगह एक कर्मी बच्चे को पीछे से सपोर्ट देकर उपर चढ़ाया। हाथियों के दल के हमला करने का खतरा बना हुआ था, बावजूद इसके वन कर्मियों ने साहस का परिचय देते हुए रेस्क्यू किया। इस बीच सड़क पर लगी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ी ।

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