Chhattisgarh

Navratri 2025 : शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को हस्त नक्षत्र सर्वार्थ सिद्धि योग के शुभ संयोग में कमल पर विराजेगी आदिशक्ति जगदंबा,तैयारियां पूरी

जांजगीर चांपा, 21 सितम्बर। अगर आपने म्यांमार के श्वेत मंदिर नही देखा है, प्रसिद्ध अक्षर धाम मंदिर का शीश महल नहीं देखा तो कोई बात नहीं अब आप इसका एहसास जांजगीर नैला में बने दुर्गा पंडाल मे कर सकते है, इस बार जांजगीर नैला मे 8000 फीट का विशाल पंडाल म्यांमार के श्वेत मंदिर के तर्ज पर बनाया जा रहा है और माँ का दरवार शीश महल के तर्ज पर सज रहा है,हीरे मोती,सोने चांदी से जड़ीत आभूषण और माँ का 35 फीट ऊँचा स्वरुप आकर्षण का केंद्र बन गया है।

जांजगीर चांपा जिला मे शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्रि धूमधाम के साथ मनाने की तैंयारी चल रही है,देवी मंदिरो को सजाया जा रहा है वही आकर्षक दुर्गा पंडाल बनाए जा रहे है, जांजगीर नैला मे इस बार एक विशाल दुर्गा पंडाल बनाया जा रहा है,जो म्यांमार के श्वेत मंदिर के तर्ज पर निर्माण हो रहा हैं, साथ ही माँ का दरवार दिल्ली के अक्षर धाम शीश महल के तर्ज पर सजाई जा रही है, माता रानी को सोना,चांदी, हीरा,जवाहरात और आभूषणो से सजाया जायगा,माता रानी के 35 फीट ऊंचे कमल मे विराजित स्वरुप का निर्माण भटगांव के मूर्तिकार द्वारा 2 माह से बनाई जा रही है वही कोलकाता के कलाकारों द्वारा पंडाल सजाया जा रहा है,वही कोलकाता के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारो द्वारा लाइट एन्ड साउंड का शो भी दिखाया जायगा।

बता दे कि जांजगीर नैला रेलवे स्टेशन प्रांगण मे 42 साल से दुर्गा उत्सव का आयोजन किया जा रहा था और दो वर्षो से स्थल बदल दिया गया है,, लेकिन माँ की भव्यता और भी बढ़ती जा रही है,यहां ना केवल छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु दर्शन करने आते है बल्कि दूसरे राज्यों से भी बड़ी सख्या मे श्रद्धालु माता रानी के इस अलौकिक स्वरुप का दर्शन करने आते है।

मातारानी का 22 सितंबर से दर्शन कर सकते है माता रानी का दर्शन नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से ही होने लगेगा,और बुजुर्गो के साथ बच्चो के आने जाने के लिए इलेक्ट्रिक ऑटो का इन्तजाम किया जायगा,, सुरक्षा की दृष्टि से अस्थाई पुलिस चौंकी, अग्नि वीर मे जवान, और 100 सी सी टी वी कैमरा के साथ ड्रोन से नजर रखी जाएगी,, स्वास्थ्य,फायर ब्रिगेड और पेयजल के साथ श्रद्धालुओं के रुकने और भोजन प्रसाद का भी निःशुल्क व्यवस्था किया जायगा।

नैला दुर्गा उत्सव समिति के सदस्य राजेश पालीवाल ने बताया कि इस दुर्गा उत्सव समिति की सबसे बड़ी विशेषता यह भी है कि यहाँ माता रानी के नवरात्र मे हर वर्ष समिति बनाया जाता है,लेकिन आयोजन समिति में किसी को अध्यक्ष या कोई और पद नहीं दिया जाता है, सभी सदस्य अपने आप मे अध्यक्ष और कार्यकर्ता होते है, और सब मिल जुल कर कुछ नया करने के लिए मेहनत करते है यही वजह है आज नवरात्री मे माँ दुर्गा की मूर्ति और नए नए थीम पर सजे पंडाल को देखने लाखों भक्तो की भीड़ आती है और सभी हर कई प्रसन्नचीत लौटते है।

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