CM की नाराजगी के 6दिन बाद भी नहीं सुधरी सड़कें: अब तक पूरे गड्ढे भी नहीं भरे; भोपाल में 50% सड़कें जर्जर

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भोपाल11 मिनट पहले
‘मैं कल अचानक भोपाल की सड़कों पर निकला। हमीदिया रोड से शाहजहानाबाद होते हुए गुजरा। मुझे कल्पना नहीं थी कि सड़कों की हालत इतनी ज्यादा खराब होगी। ये रोड किसके पास है। PWD और आप लोग यह बताएं कि सड़कों की जब राजधानी में इतनी दुर्गति है तो बाकी जगह क्या हालत होगी। अखबार गड्ढों की खबरों से भरे पड़े हैं। क्या मैं रोज गड्ढों की खबरें ही पढ़ता रहूं, ऐसा थोड़ी चलेगा। हम अकर्मण्य क्यों हैं, समय पर काम शुरू क्यों नहीं करते। कुछ दिक्कत है तो मुझसे कहो। यह मुझे ठीक नहीं लगा। 15 दिन बाद उन्हीं सड़कों पर फिर निकलूंगा।’
ये तल्ख शब्द थे सीएम शिवराज सिंह के…। दिन था 26 अक्टूबर का। राजधानी समेत प्रदेशभर की सड़कों की खराब हालत को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की क्लास ली थी। इसके बाद अफसर हरकत में आए। ताबड़तोड़ जर्जर सड़कों का निरीक्षण होने लगा। भोपाल में अगले ही पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के अफसर एक जाजम पर बैठे और मीटिंग में मंथन किया। दावा किया गया कि अगले ही दिन से सड़कों की तस्वीर बदल लेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
कुछ हिस्सा ही सुधारा
सीएम के निर्देश के छठवें दिन यानी 31 अक्टूबर को दैनिक भास्कर ने जब सड़कों पर नजर दौड़ाई तो पुरानी तस्वीर ही नहीं आई। हमीदिया रोड का नाम लेकर सीएम ने नाराजगी जताई थी। इस सड़क के भारत टॉकीज के सामने वाले हिस्से में थोड़ा बहुत सुधार किया गया, लेकिन अल्पना तिराहे, शहजहांनाबाद, घोड़ा नक्कास, लोहा बाजार समेत अन्य सड़कों को अब तक नहीं सुधारा गया है। यह सड़क पीडब्ल्यूड की है, लेकिन इंजीनियरों की देखरेख में नगर निगम को यह काम करवाना है।

हमीदिया रोड के भारत टॉकीज के सामने का हिस्सा कुछ सुधारा गया है। हालांकि, इसमें से भी गिट्टी उखड़ने लगी है।
धूल से हो रही परेशानी
शहर में करीब 5 हजार किलोमीटर सड़कों का जाल बिछा हुआ है। नगर निगम की सबसे ज्यादा 3800 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कें हैं, जबकि PWD के पास हमीदिया और कोलार रोड समेत 26 सड़कें हैं, जिनकी लंबाई 531 किलोमीटर। इस साल बंद हो चुके CPA (राजधानी परियोजना प्रशासन) की भी 132 किमी सड़कों की देखरेख PWD ही कर रहा है। बारिश के चलते 50% सड़कें उखड़ गई हैं। पहले एक से दो फीट गहरे गड्ढों ने राहगीरों की मुसीबतें बढ़ाईं। अब उनमें भरी मिट्टी की वजह से उड़ रही धूल परेशान कर रही है।

अल्पना टॉकीज तिराहे की सड़क जर्जर हालत में ही है। इसे अब तक नहीं सुधारा गया है। सीएम ने 15 दिन में शहर की सड़कों को चकाचक करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन यह सड़क अभी भी बुरे हाल में है।
इन सड़कों की सुध लेना जरूरी
- जहांगीराबाद, जिंसी चौराहा, पुल बोगदा में भी सड़कें खस्ता हाल है।
- रायसेन रोड पर इंद्रपुरी, आनंदनगर
- एमपी नगर में गवर्नमेंट प्रेस के पास
- बावड़ियाकलां, सलैया, लहारपुर, कटारा, करोंद, छोला
- 15 किलोमीटर कोलार रोड पर हाल ही में पेंचवर्क कराया गया है। हालांकि, समस्या दूर नहीं हुई है। मंदाकिनी, डीमार्ट, पुलिया हाउसिंग सोसायटी, गेहूंखेड़ा से लेकर बैरागढ़ चिचली तक सड़क जर्जर हालत में है।

सड़कों की वजह से बंद हो चुका CPA
राजधानी में नगर निगम की 3879 किलोमीटर, पीडब्ल्यूडी की 531 किलोमीटर, बीडीए की 150 किलोमीटर और CPA (राजधानी परियोजना प्रशासन) की 132 किलोमीटर सड़कें हैं। सीपीए इसी साल 31 मार्च को बंद हो चुका है और इसकी सड़कें पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई हैं। सीपीए के बंद होने की वजह से भी सड़कें खराब हैं। पिछले साल सड़कों की स्थिति की समीक्षा करते समय CM शिवराज सिंह चौहान ने इसे बंद करने के निर्देश दे दिए थे। करीब छह महीने की लंबी प्रोसेस के बाद सीपीए हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।
CM के यह थे निर्देश
MP में हर साल की तरह इस बार भी बारिश के बाद सड़कें जगह-जगह से उखड़ गई हैं। जिसके बाद बने गड्ढों और उड़ रही धूल से आम जनता बेहद परेशान है। कुछ ऐसा ही अनुभव प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी भोपाल में हुआ, जब वे राजधानी की कुछ सामान्य सड़कों से गुजरे। यह पढ़े

सड़क से डामर गायब है। धूल के गुबार उठ रहे हैं। धूल इतनी कि गाड़ी चलाना मुश्किल है। सबसे ज्यादा परेशान बाइक-स्कूटर चलाने वाले हैं। ऐसा नजारा दिखा भोपाल के अल्पना तिराहे पर। यह राजधानी के सबसे व्यस्त तिराहे में से एक है। प्रदेश के दूसरे शहरों से भोपाल आने वाले राहगीरों को पहले इसी से दो-चार होना पड़ता है। राजधानी की खस्ताहाल सड़कों को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अधिकारियों पर नाराज हुए। दैनिक भास्कर की टीम भोपाल की सड़कों पर निकली, तो पता चला यहां की 50% सड़कों पर धूल का गुबार उठ रहे हैं। यह पढ़े

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