mppsc 2019 भर्ती प्रक्रिया रद्द करने का मामला: हाईकोर्ट के समक्ष जवाब किया गया पेश, व्यवहारिक दिक्कतों के कारण स्पेशल एग्जाम लेने की वजह रद्द की गई थी भर्ती: psc

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- Answer Presented Before The High Court, Due To Practical Problems, The Reason For Taking The Special Exam Was Canceled: Psc
जबलपुरएक घंटा पहले
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष एमपीपीएससी के द्वारा साल 2019 की परीक्षा निरस्त करने के मामले में जवाब प्रस्तुत किया। इसमें कहा गया कि आरक्षित वर्ग के मेधावी छात्रों के लिए अलग से विशेष परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है, इसलिए पूरी परीक्षा निरस्त की गई है। पीएससी ने कहा कि आरक्षण नियमों के मुताबिक नए सिरे से परीक्षा करवाने का निर्णय लिया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने पीएससी के जवाब पर आपत्ति पेश करने मोहलत मांगी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जस्टिस एम.एस भट्टी की एकलपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 29 नवंबर को नियत की है। हाईकोर्ट द्वारा 7 अप्रैल 2022 को पारित आदेश के बाद म.प्र लोक सेवा आयोग ने पीएससी परीक्षा 2019 के प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के परिणाम निरस्त कर दिए थे। इस आदेश को चुनौती देते हुए सफल अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिकाएं दायर की हैं।
हाईकोर्ट 7 अप्रैल को विस्तृत आदेश पारित कर संशोधित परीक्षा नियमों को असंवैधानिक घोषित करते हुए पीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2019 के प्रकाशित परिणाम को निरस्त करते हुए परीक्षा नियम 2015 के अनुसार रिजल्ट घोषित करने आदेश दिया था। याचिकाओं के लंबित रहते पीएससी ने जुलाई 2021 को मुख्य परीक्षा भी आयोजित करा ली थी।
इसी मामले को लेकर कुछ उम्मीदवारों की ओर से हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की गई हैं। हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक शाह ने तर्क दिया कि डिवीजन बेंच ने भर्ती प्रक्रिया को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है। कोर्ट ने हस्तक्षेपकर्ताओं के आवेदन सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिए।
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