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MP News : SIR अभियान के भारी दबाव से दो BLO शिक्षकों की मौत !, परिजनों ने लगाया टारगेट और सस्पेंशन की धमकी का आरोप

भोपाल। मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान के दौरान अत्यधिक कार्यभार और लगातार टारगेट के दबाव के चलते दो बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की मौत हो गई। दोनों मृतक सरकारी शिक्षक थे। परिजनों और सहकर्मियों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों की ओर से बार-बार फोन करके काम पूरा करने और सस्पेंशन की धमकी देने के कारण शिक्षकों पर मानसिक व शारीरिक दोनों तरह का भारी दबाव था।

रायसेन जिले के मंडीदीप में तैनात शिक्षक रामाकांत पांडेय (54) की शुक्रवार देर रात मौत हो गई। परिजनों के अनुसार, पिछले चार रातों से वे ठीक से सो नहीं पाए थे। हर रात अधिकारी फोन करके टारगेट पूरा करने का दबाव बनाते थे। गुरुवार रात 9:30 बजे तक ऑनलाइन मीटिंग चली। मीटिंग खत्म होने के बाद जैसे ही वे बाथरूम गए, अचानक गिर पड़े। उन्हें तुरंत भोपाल के नोबल अस्पताल ले जाया गया और फिर AIIMS रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पत्नी रेखा पांडेय ने बताया, “सस्पेंशन की धमकी से वे बेहद तनाव में थे।”

इसी तरह दमोह जिले के रांजरा गांव में ड्यूटी कर रहे 50 वर्षीय शिक्षक सीताराम गोंड की भी शुक्रवार रात मौत हो गई। वे फॉर्म भरते समय अचानक बीमार पड़ गए थे। उन्हें पहले दमोह और फिर जबलपुर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। सहकर्मियों के अनुसार, उन्हें दो गांवों के 1,319 मतदाताओं का काम सौंपा गया था, जिसमें अभी सिर्फ 13 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया था। टारगेट न पूरा होने पर लगातार धमकी मिल रही थी।

चौंकाने वाली बात यह है कि रायसेन जिले में ही एक अन्य BLO शिक्षक नारायण दास सोनी पिछले छह दिनों से लापता हैं। वे घर से SIR का काम करने निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। पुलिस और परिवार उनकी तलाश में जुटे हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही दमोह के तेंदूखेड़ा क्षेत्र में BLO श्याम सुंदर शर्मा की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उनके परिजनों ने भी SIR के अत्यधिक दबाव और सस्पेंशन की धमकी को जिम्मेदार ठहराया था। शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि SIR अभियान में शिक्षकों पर से अतिरिक्त बोझ हटाया जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

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