MP में शिक्षक भर्ती चयनित जहर खाने को मजबूर: दर्द- एक ही को दो बार जॉइनिंग, हमारा नंबर ही नहीं आ रहा

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भोपाल2 घंटे पहलेलेखक: अनूप दुबे
मैं निर्मला शर्मा। इटरासी से हूं। चयनित अभ्यर्थी उच्च माध्यमिक शिक्षक। आज लिस्ट आई। मुझे बहुत उम्मीद थी, लेकिन मायूसी हाथ लगी। उसे देखकर लगा कि जहर खाकर जान दे दूं। बच्चे को देखकर और उसके लिए निर्णय बदला। आज कोई गलत कदम नहीं उठाया, क्योंकि अभी वह 10 साल का है। लिस्ट में सारे नाम जो पहले से जनजातीय कार्य विभाग में चयनित हैं, उन्हीं के जारी कर दिए गए। यह नाम बार-बार क्यों रिपीट हो रहे हैं? मेरा बेटा भी कुछ कहना चाहता है…।
यह दर्द प्रदेश के सरकारी स्कूलों में उच्च माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती के चयनित शिक्षक का है। इसी तरह कई और शिक्षकों का रो-रोकर बुरा हाल है। लिस्ट जारी होने के बाद अभ्यर्थियों का यह दर्द है।
स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संयुक्त काउंसिलिंग आयोजित हो रही है। इस भर्ती मामले में दोनों ने एक कदम और बढ़ाया है। दोनों विभागों में 4,075 पदों पर चयनित शिक्षकों के डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन का शेड्यूल घोषित कर दिया है। उम्मीदवार 14 नवंबर तक संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी ऑफिस व संभागीय स्तर पर संयुक्त संचालक के कार्यालय डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन करा सकेंगे। इसके लिए उम्मीदवारों जिलावार और तारीख के अनुसार लिस्ट जारी की गई है। उम्मीदवार को तय तारीख पर ही दस्तावेज कराने संबंधित कार्यालय में पहुंचना होगा। वैरिफिकेशन के बाद नियुक्ति आदेश जारी किए जा सकेंगे।
यहां से शुरू हुआ विवाद
शिक्षक पात्रता परीक्षा संघ के रंजीत गौर ने आरोप लगाए कि पीड़ित ज्यादा दुखी हैं। कई सदस्यों के फोन आ रहे हैं। जो लिस्ट आई है, उसमें पुन: नामों की पुनरावृत्ति की जा रही है। कुछ नाम तो ऐसे हैं, जिनके नीचे के नंबर /रैकं वालों के नाम आ गए हैं। इस बार भी यह भर्ती पूरी नहीं हो सकेगी, क्योंकि दोनों विभागों द्वारा जो चयन सूची जारी की है, उनमें उम्मीदवारों के नाम रिपीट हैं। कई नाम दोनों विभागों की सूची में है।
सोमवार को भोपाल में प्रदर्शन
शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के तहत उच्च माध्यमिक माध्यमिक शिक्षक पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। दोनों विभागों में सेकंड काउंसिलिंग के लिए विषयवार पदों का रोस्टर जारी किया गया था। इसके तहत स्कूल शिक्षा विभाग में उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 2,750 पदों पर और जनजातीय कार्य विभाग में उच्च माध्यमिक की 1325 पद भरे जाने नियुक्ति में भी देरी हुई थी। अन्य सभी पीड़ित अभ्यर्थी सोमवार को लोक शिक्षण में आकर विरोध भी जताएंगे।
नौकरी की आस में एक उम्मीदवार की मौत तक हो चुकी
रंजीत गौर ने बताया कि शिक्षक भर्ती 2018 में हिंदी सब्जेक्ट के रिक्त पदों की संख्या कम होने से हिंदी विषय से उच्च एवं माध्यमिक पात्रता परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने के बावजूद नरेंद्र सिंह शिक्षक बनने से वंचित हो गए। वह पिछले 4 साल से शिक्षक बनने का इंतजार कर रहे थे। उम्मीद थी कि इस दीपावली तक नाम चयन सूची में आ जाएगा, लेकिन अभी तक सूची में नाम नहीं आने से वह जिंदगी की जंग हार गया।
20 अक्टूबर को भी नरेंद्र ग्वालियर से भोपाल गए थे। उन्होंने अन्य अभ्यर्थियों के आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को ज्ञापन सौंपकर नामों की पुनरावृत्ति ना करने की मांग की थी। 21 अक्टूबर को नरेंद्र वापस ग्वालियर पहुंचे। घर पहुंचते ही नरेंद्र की तबीयत खराब हो गई। रिश्तेदारों ने उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया।
जहां 3 दिन बाद 24 अक्टूबर को डॉक्टरों ने अधिक तनाव झेलने से दिमाग की नस फटने के कारण नरेंद्र को मृत घोषित कर दिया। 30 साल के नरेंद्र शादीशुदा था। नरेंद्र की पत्नी भी ग्रेजुएट है। 5 साल का बेटा भी है। अगली सूची में अगर नरेंद्र का नाम आ जाता है, तब पात्रता परीक्षा संघ स्वर्गीय नरेंद्र की पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने की मांग करेगा।
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