MP में बिना परमिशन के बनी बिल्डिंगों का सर्वे: नगरीय प्रशासन विभाग ने 15 दिन में मांगी रिपोर्ट; पैमाने के नहीं मिली तो तोड़ने की कार्रवाई

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भोपाल6 मिनट पहले
मध्यप्रदेश में बिना परमिशन या नक्शे को छोड़कर बनी बिल्डिंगों का सर्वे शुरू हो रहा है। 15 दिन में सर्वे कर ऐसी बिल्डिंगों का पता लगाया जाएगा, जो गलत तरीके से बनी हो। नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी नगर निगम कमिश्नर, नगर पालिका और नगर परिषद सीएमओ को लैटर लिखकर कार्रवाई करने को कहा है।
मध्यप्रदेश के इंदौर और जबलपुर में चार महीने के भीतर आगजनी की दो बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इंदौर की रेसिडेंशियल बिल्डिंग और जबलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में आग लगी। दोनों घटनाओं में 15 जानें चली गईं। भोपाल में हर रोज आठ से 10 आगजनी के मामले सामने आते हैं। यही कारण है कि सरकार प्रोविजनल फायर NOC बंद करने जा रही है, वहीं अब ऐसी बिल्डिंगों की जांच की जा रही है जो पैमाने पर खरी नहीं उतर रही। खासकर अवैध तरीके से बनी बिल्डिंगों को लेकर सरकार सख्त हो गई है। इसके चलते अब अवैध बिल्डिंगों की जांच की जाएगी।
20 सितंबर तक रिपोर्ट, हर महीने देनी होगी कार्रवाई की जानकारी
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के कमिश्नर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने आदेश जारी किए हैं। जिसमें नगर निगम कमिश्नर, नपा-नप सीएमओ को 20 सितंबर तक डिटेल रिपोर्ट देने को कहा है। वहीं, हर महीने की सात तारीख को बिल्डिंगों से जुड़ी जानकारी भी देना होगा। लैटर में कहा गया है कि ऐसी बिल्डिंगों का सर्वे हो, जो बहुमंजिला हो और बिना नियम-कायदे के बनी हो। प्रदेश में आग की घटनाओं को देखते हुए सर्वे का फैसला लिया गया है।

1 अगस्त को जबलपुर के न्यू लाइफ हॉस्पिटल में आग लग गई थी। इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई थी।
एनओसी को लेकर भी सरकार उठा रही कदम
प्रदेश सरकार एनओसी को लेकर भी बड़ा कदम उठा रही है। वह प्रोविजनल फायर NOC बंद करने जा रही है। अब बिल्डिंग बनने और फायर सेफ्टी जांचने के बाद टेंपरेरी NOC दी जाएगी। अभी तक जब नई बहुमंजिला इमारत बनाई जाती है, तो उसके लिए प्रोविजनल NOC दी जाती है। यह NOC संबंधित निकाय देता है। एक साल के भीतर यह टेंपरेरी NOC देने का नियम है। टेंपरेरी NOC तब दी जाती है, जब निकाय फायर सेफ्टी के सारे पैमानों की जांच कर लें, जबकि प्रोविजनल NOC नक्शे, बिल्डिंग परमिशन, मालिकाना हक समेत अन्य जरूरी दस्तावेजों के आधार पर ही दे दी जाती है।

इंदौर स्थित स्वर्ण कॉलोनी की इमारत में मई 2022 में आग लगी थी। इसमें सात लोग जिंदा जल गए थे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अगस्त में फायर अथॉरिटी द्वारा एक साल के लिए प्रोविजनल फायर एनओसी दिए जाने को उचित नहीं बताया था। उन्होंने नए फायर एक्ट पर काम करने की बात कही थी।
10 महीने में मध्यप्रदेश के तीन बड़े हादसे
- 8 नवंबर 2021 की रात में भोपाल स्थित हमीदिया हॉस्पिटल की कमला नेहरू बिल्डिंग में आग लग गई थी। इस हादसे में कई नवजातों की मौत हो गई थी। यह हादसा देशभर में सुर्खियों में रहा था।
- 6 मई 2022 को इंदौर के स्वर्ण बाग कॉलोनी की मल्टी में आग लगने से सात लोग जिंदा जल गए थे। यह हादसा भी सुर्खियों में रहा।
- 1 अगस्त को जबलपुर के न्यू लाइफ हॉस्पिटल में आग लगने से 8 लोगों की मौत हो गई थी। यह हॉस्पिटल बिना फायर एनओसी के चल रहा था। मामले में नगर निगम और CMHO की भी बड़ी चूक सामने आई थी।
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