MP का सबसे बड़ा रावण छतरपुर में: पहली बार प्रदेश में जलेगा 125 फीट का दशानन

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छतरपुर (मध्य प्रदेश)10 घंटे पहले
छतरपुर में मध्यप्रदेश का अबतक का सबसे बड़ा रावण बनाया गया है। इसकी हाइट 125 फीट है। कारीगरों ने इतना ऊंचा रावण तो बना लिया, लेकिन जब इसे खड़ा करने की बारी आई तो लोगों के पसीने छूट गए। इस रावण के पुतले को खड़ा करने के लिए क्रेन बुलानी पड़ी। पहली बार उठाने में उसकी कमर टूट गई। 14 घंटे की मशक्कत के बाद इसे खड़ा किया गया। आज रात 9 बजे रावण दहन होगा।
छतरपुर स्टेडियम में श्री लाल कड़क्का रामलीला समिति ने रावण का पुतला बनाया है। रामलीला मंचन के 125 वर्ष पूर्ण होने पर समिति ने 125 फीट का पुतला बनाया है। मध्यप्रदेश में ये पहली बार है जब इतने ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा। जो मध्यप्रदेश में अपने आप में एक रिकॉर्ड है। बताते हैं कि इससे पहले सबसे बड़ा 104 फीट का रावण भोपाल के कोलार में जलाया गया था। रावण के इस विशालकाय पुतले को स्टेडियम में स्थापित करने के लिए कानपुर से विशेष क्रेन मशीन मंगानी पड़ी, जिसका किराया ही डेढ़ लाख रुपए है।
ऐसा है इस बार छतरपुर में रावण का पुतला
पुतले के लिए रावण के 20 फीट के पैर, 50 फीट का धड़, 30 फीट का गला, 10 फीट का सिर और लगभग 15 फीट का मुकुट बनाया गया है। यह पुतला आकर्षक कपड़े, बांस से निर्मित है। जिसमें 1 लाख रुपए के पटाखे भरे गए हैं। सब कुछ मिलाकर साढ़े 6 लाख रुपए खर्च आया है। शर्मा ने बताया कि शाम साढ़े 7 बजे रामलीला के कलाकार स्टेडियम आएंगे। यहां अतिथियों के उद्बोधन के बाद आधे घंटे राम-रावण युद्ध का मंचन होगा। इसके बाद पुतले का दहन किया जाएगा। रावण में लगा लोहा जलने के बाद पुतला कमजोर हो जाएगा, जो कबाड़ के भाव बिकेगा।

125 फीट ऊंचे रावण को 10 कारीगरों ने बनाया है। पहली बार पुतले को क्रेन से खड़ा करने में इसकी कमर टूट गई थी।
जाने-माने कारीगर ने बनाया है पुतला
श्री लाल कड़क्का रामलीला समिति के अध्यक्ष डॉ. स्वतंत्र शर्मा ने बताया कि दशहरे को यादगार बनाने के लिए समिति ने डेढ़ माह पहले ही प्रयास शुरू कर दिए थे। देशभर में रावण के पुतले का निर्माण करने वाले आगरा के जाने-माने कारीगर उस्मान कुरैशी को छतरपुर बुलाया गया था। उन्होंने अपने 10 सदस्यीय दल के साथ पिछले लगभग एक महीने में बारिश के बावजूद रावण का एक विशालकाय पुतला तैयार किया।
रावण खड़ा करने में लगे 13 से 14 घंटे
कारीगर उस्मान कुरैशी बताते हैं कि वह आगरा करावली के रहने वाले हैं। उनका काम इस तरह के बड़े पुतलों का निर्माण करना है। अब तक वह 200 फीट और इससे भी बड़े रावण अंबाला और बड़ारा में बना चुके हैं। मध्यप्रदेश का यह पहला रावण है जो 125 फीट का है। इस रावण को बनाने में उन्हें सवा महीन से ज्यादा लग गया। समिति के सदस्य एडवोकेट शैलेंद्र सिंह ने बताया कि रावण को क्रेन से खड़ा करने में 13 से 14 घंटे लग गए। रात भर से हो रही बारिश में ये किसी चुनौती से कम नहीं था।
पहली बार उठाने में टूट गई थी कमर
रावण को क्रेन से पहली बार उठाने में उसकी कमर टूट गई थी। वहां लगा पाइप कमजोर पड़ गया। दोबारा 1 घंटे की मेहनत लगी, जिसमें कमर पर सपोर्ट लगाया गया। इसी दौरान पुतले का सीने वाला भाग फट गया।

रावण के इस विशालकाय पुतले को स्टेडियम में स्थापित करने के लिए कानपुर से विशेष क्रेन मशीन मंगानी पड़ी, जिसका किराया ही डेढ़ लाख रुपए है।
पहली बार 9 बजे रावण दहन की तैयारी
छतरपुर में रावण दहन काफी विशेष और दर्शनीय होता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से दहन को लेकर समिति की आलोचना होती आ रही है। अतिथियों के देर से मौजूदगी दर्ज कराने को लेकर रावण दहन रात 11 बजे के बाद हो पाता है। कई लोग रावण दहन देखे बिना ही चले जाते हैं। इस साल कलेक्टर संदीप जीआर और एसपी सचिन शर्मा ने समिति को 10 दिन पहले ही आगाह किया है कि वे 9 बजे तक हर हाल में रावण के पुतले का दहन करा लें।

क्रेन से रावण के पुतले को खड़ा करने में कारीगरों को 13-14 घंटे गए थे। रात भर से हो रही बारिस में स्टेडियम की मिट्टी गीली हो गई है।
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