शहर में 30% ही लगा रहे हेलमेट: दो बार की मुहिम में 55% लगाने लगे थे हेलमेट; अब सोमवार से फिर सख्ती

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भोपाल30 मिनट पहले

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जबलपुर हाइकोर्ट के निर्देश के बाद पिलियन राइडर (दो पहिया पर पीछे बैठने वाला) के लिए भी अनिवार्य किए गए हेलमेट को लेकर शहर के 22 प्वाइंट पर सोमवार से सख्ती शुरू हो जाएगी। सरकारी व गैर सरकारी कर्मचारियों को दफ्तर में बगैर हेलमेट के एंट्री न देने के लिए पुलिस ने सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिख दिए हैं।

हालांकि, राजधानी में ये तीसरा मौका है जब पुलिस इस स्तर पर हेलमेट मुहिम शुरू करने जा रही है। इससे पहले दोनों बार कुछ दिनों तक चली मुहिम से हेलमेट पहनने वालों का औसत बढ़कर 50-55% तक पहुंच गया था। अभी भोपाल में सिर्फ 30% वाहन चालक हेलमेट लगा रहे हैं।

तत्कालीन डीजीपी एसके राउत ने भोपाल में 10 मई 2011 से बगैर हेलमेट वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। कुछ ऐसा ही तत्कालीन भोपाल डीआईजी संतोष सिंह के समय भी किया गया। दोनों ही बार सख्ती देख लोगों ने हेलमेट पहनना शुरू कर दिया, पर सख्ती कम होते ही ये औसत गिरने लगा।

हर महीने भरते हैं 20 लाख का चालान

राजधानी पुलिस आईटीएमएस और चैकिंग प्वाइंट लगाकर हेलमेट न पहनने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है। हेलमेट न लगाने पर 250 रुपए का समन शुल्क वसूला जाता है। आईटीएमएस के जरिए हर महीने करीब 5 हजार चालान बनाए जाते हैं, जबकि चैकिंग प्वाइंट से 3 हजार। यानी बगैर हेलमेट वाहन चलाने वाले 8 हजार लोग हर महीने करीब 20 लाख रुपए समन शुल्क भर देते हैं।

आईओ लिखेंगे हेलमेट लगाया था या नहीं

नई नीति के तहत एक्सीडेंट क्लेम के दौरान अब पुलिस को विवेचना में 40 से ज्यादा बिंदुओं का क्लेम फॉर्म भरना पड़ रहा है। इसमें दो बिंदु ऐसे हैं, जिनमें मृतक या घायल ने हेलमेट या सीट बेल्ट पहना था या नहीं, इसे भी स्पष्ट भरना होगा।

डीसीपी ट्रैफिक हंसराज सिंह ने कहा कि पुलिस सोमवार से हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर सख्ती शुरू कर रही है। इससे पहले हम लाउडस्पीकर के माध्यम से इन दोनों नियमों के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

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