संघ के शिशु मंदिरों में शिक्षा नीति लागू होगी: मप्र में सरकारी स्कूलों से पहले संघ के शिशु मंदिर में लागू करने की तैयारी

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भोपाल3 मिनट पहलेलेखक: हरेकृष्ण दुबोलिया
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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति अप्रैल 2023 से देश के सभी सरस्वती शिशु मंदिर स्कूलों में लागू होने जा रही है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति अप्रैल 2023 से देश के सभी सरस्वती शिशु मंदिर स्कूलों में लागू होने जा रही है। यानी नया शैक्षणिक सत्र इसी नीति पर संचालित होगा। मप्र में सरकारी स्कूलों से पहले संघ के सरस्वती शिशु मंदिर इसे लागू करने की तैयारी कर चुके हैं। मप्र बोर्ड के स्कूलों में यह नीति अभी लागू नहीं हुई है। सीबीएसई में भी अगले शैक्षणिक सत्र से ही यह नीति और उसके प्रावधान लागू होंगे। जबकि शिशु मंदिरों में बसंत पंचमी पर किताबें आ जाएंगी।
नेशनल कॅरिकुलम फ्रेमवर्क भी जारी हो जाएगा। किताबों में मप्र से जुड़े तथ्य भी शामिल होंगे। संघ के संगठन विद्याभारती की भोपाल में दो दिन पहले हुई अखिल भारतीय कार्यशाला में यह रूपरेखा बनी है। विद्याभारती देशभर में 24 हजार से अधिक स्कूलों का संचालन करती है।
राजधानी के कोटरा सरस्वती विद्या मंदिर विद्यालय में हुई इस कार्यशाला में विद्याभारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री गोविंद महंत, सह संगठन मंत्री श्रीराम आरावकर सहित देशभर के 11 क्षेत्रों के संयोजक शामिल हुए थे। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तार से चर्चा की गई थी।
34 लाख से अिधक छात्र- देशभर में विद्याभारती के 24 हजार स्कूलों में से 12 हजार 828 नियमित स्कूल हैं। जिनमें 34 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। इन स्कूलों में 4220 प्राइमरी, 5043 मिडिल, 2407 सेकंडरी और 1158 सीनियर सेकंडरी स्कूल हैं। इसके अलावा वनवासी अंचल और दूरदराज के इलाके में 11 हजार 353 अनौपचारिक स्कूल अलग से चलते हैं।
हमारा सबसे ज्यादा फोकस नेशनल कॅरिकुलम फ्रेमवर्क को शामिल करना और इन्फॉर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी को बढ़ाना है। साथ ही स्थानीय भाषा और संस्कृति के साथ तथ्यों को सिलेबस में रखना है।’
– रामजी भावसार, मध्यभारत प्रांत प्रमुख, विद्याभारती
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