दादाजी मंदिर निर्माण का मामला: देवउठनी ग्यारस पर मकराना के पत्थरों को मंदिर परिसर में रखेंगे; वकीलों की मंशा- ट्रस्ट भंग हो

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- Will Keep The Stones Of Makrana On Devuthani Gyaras In The Temple Premises; Lawyers’ Intention Trust Is Dissolved
खंडवा19 मिनट पहले
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दादाजी धाम।
दादाजी मंदिर निर्माण का केस एसडीएम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद से रुका हुआ है। मंदिर ट्रस्ट के विरोध में खड़े एक गुट ने मंदिर निर्माण को लेकर रविवार को वकीलों की बैठक ली। बैठक में वकीलों के अलावा पटेल सेवा समिति के मदनभाऊ ठाकरे, गौशाला सचिव रामचंद्र मौर्य, भाजपा नेता राजेश डोंगरे मौजूद थे।
समाजसेवी सुनील जैन ने बताया बैठक में सभी ने पिछले 30 वर्ष से मंदिर निर्माण न होने देने पर ट्रस्ट की भूमिका पर रोष व्यक्त किया। दादाजी भक्तों से मंदिर निर्माण के लिए आह्वान किया। राजेश डोंगरे ने कहा मंदिर निर्माण के लिए कई वर्षो से ट्रस्ट से चर्चा चलती रही है पर कभी ट्रस्ट की रुचि इस को सुलझाने में नहीं रही। मंदिर निर्माण के लिए लाई गए मकराना के पत्थरों का शिला पूजन करके दादाजी मंदिर के लिए लाई गई है। 4 नवंबर देव उठनी एकादशी पर मकराना शिलाओं का शहर भ्रमण कराते हुए श्री दादाजी महाराज को अर्पण करेंगे।
अधिवक्ता मोहन गंगराड़े ने कहा दादाजी मंदिर निर्माण पूरे खंडवा के भक्तो का ध्येय होना चाहिए। अधिवक्ता बुद्धि जीवीगण होने के नाते सभी अधिवक्ताओं का यह दायिवित्व है कि मंदिर की निर्माण के अवरोधों का हल करके शहर विकास का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। धार्मिक स्थलों का कायाकल्प हो रहा है और इतने वर्षो से सब सामग्री होने पर भी मंदिर निर्माण नहीं हो पा रहा है। इसके लिए सब अधिवक्ता पहले ट्रस्टियों से चर्चा कर हल निकालने के प्रयास करे और अगर इसमें सफलता न मिले तो एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर ट्रस्ट भंग कर ट्रस्ट की 22 एकड़ की भूमि को विकसित करने की मांग रखेंगे।

बैठक में मौजूद रहे वकीलगण।
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