रतलाम के मुक्तिधाम में मनी दिवाली: श्मशान में मनी अनोखी दिवाली, बच्चों और महिलाओं ने मुक्तिधाम पहुंचकर बनाई रंगोली और किया दीपदान

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रतलाम20 मिनट पहले

रतलाम के त्रिवेणी मुक्तिधाम में इस वर्ष भी अनोखी दिवाली का आयोजन किया गया । जहां जलती हुई चिताओं के बीच बड़ी संख्या में बच्चों और महिलाओं के साथ दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास केेे साथ मनाया गया है। दीपावली के मौके पर अपनों के बीच खुशियां मनाने का आनंद ही कुछ और होता है। लेकिन शमशान जैसी जगह पर लोग आतिशबाजी करते, दीप जलाकर ढोल बजाकर खुशिया मनाए तो उसे आप क्या कहेंगे।ऐसा ही अनूठा नजारा रतलाम के त्रिवेणी मुक्तिधाम में इस वर्ष भी नजर आया है। अपनेे पूर्वजों के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि प्रकट करनेेे के लिए सैकड़ों परिवार यहां दीपावलीी मनाने पहुंचेे हैं।

एक और जल रही थी चिताएं , दूसरी और आतिशबाजी

रतलाम के त्रिवेणी मुक्तिधाम में हर वर्ष रूप चौदस के दिन अलग ही नजारा देखने को मिलता है। रतलाम के मुक्तिधाम में जहां एक ओर तीन चिताएं जल रही थी। वहीं दूसरी ओर सैकड़ों लोग दीपक जलाकर आतिशबाजी कर रहे थे। छोटे बच्चों से लेकर महिलाएं और वृद्धजन मुक्तिधाम में दिवाली मनाते नजर आ रहे थे। मुक्तिधाम में दिवाली मनाने की यह अनोखी परंपरा वर्ष 2006 से लगातार जारी है। जिस में शामिल होने के लिए रतलाम ही नहीं अहमदाबाद बड़ौदा और मुंबई से भी लोग यहां पहुंचते हैं।

श्मशान में आमतौर पर महिलाएं और बच्चे जाने से बचते है लेकिन रतलाम के त्रिवेणी मुक्तिधाम में छोटे बच्चे और महिलाएं श्मशान में दिवाली मना रहे है । यहां पहुंचे बच्चे और महिलाओं का कहना है कि अपने पूर्वजों को दीपदान करने के लिए वह यहां आते हैं । शुरुआत में शमशान के नाम से डर लगता था लेकिन अब दीपावली पर यहां आकर रंगोली बनाना और आतिशबाजी करना अच्छा लगता है । दरअसल पूर्वजो के साथ दिवाली मनाने की यह परम्परा है। जो रतलाम में पिछले कुछ वर्षों से प्रचलित हो रही है । यहां लोग मुक्तिधाम को अपने घर की तरह सजाते है और रंगोली बनाकर ढोल की थाप पर आतिशबाजी करते है ।

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