लंपी वायरस; देपालुपर में फिर बिगड़े हालात: चार गायों की मौत; अब चार-पांच दिनों में दम तोड़ रही गायें; डेढ़ सौ बीमार, इनमें 20 गंभीर

[ad_1]
इंदौर5 घंटे पहले
लंपी वायरस को लेकर नियंत्रण के लाख दावे किए जाते रहे हो लेकिन अभी भी देपालपुर के सेमदा गांव के हालात सुधरे नहीं हैं। रविवार को यहां फिर चार गायों की मौत हो गई। गंभीर पहलू यह कि पहले लंपी वायरस के लक्षण दिखने के बाद गायें 8-10 दिनों तक बीमार रहने के बाद दम तोड़ देती थी लेकिन अब 4 से 5 दिनों में ही मौत हो रही हैं। स्थिति यह है कि अभी करीब डेढ़ गायें बीमार हैं जिनमें से 20 गंभीर है।
पिछले हफ्ते ‘दैनिक भास्कर’ द्वारा मामला उठाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इसे लेकर बैठक ली थी। इसके बाद एसडीएम रवि वर्मा व पशु चिकित्सा विभाग की टीमें गांव पहुंची थी। फिर अलग-अलग टीमें यहां चार-पांच दिनों तक बीमार गायों का उपचार करती रही। गांव वालों के मुताबिक शनिवार को टीम कुछ देर के लिए आई थी। इसके बाद रविवार, सोमवार व मंगलवार को टीम नहीं पहुंची। इस दौरान रविवार को चार किसानों की गायों ने दम तोड़ दिया। दूसरी ओर बीमार गायों को लेकर किसान काफी चिंतित हैं खासकर गंभीर गायों को लेकर क्योंकि वे तो अब उठ भी नहीं पा रही रही।

तीसरे दिन से ही बीमार गायों का दूध हो जाता है दूषित
किसानों ने बताया कि पहले जब गांव में लंपी वायरस ने दस्तक दी थी तो तब स्थिति अलग थी। पहले गायों में बुखार आने के साथ फफोले दिखते थे। फिर वे फूटते थे, पैरों में सूजन आती थी, पांच-छह दिनों में गायें लुस्त हो जाती थी और फिर 8-10 में दम तोड़ देती थी। अब इसे इन्फेक्शन का जोर कहे या कुछ अब तीसरे दिन ही गायें बीमार होने के साथ दूध देना बंद कर देती है। उनका दूध दूषित हो जाती है और चौथे-पांचवें दिन उसकी मौत हो रही है।

संयुक्त संचालक डॉ. जीएस डावर ने बताया कि बीमार गायों की सूचना जल्द मिलते ही तत्काल इलाज शुरू हो जाता है जिससे रिकवरी जल्द हो जाती है। इसके विपरीत अगर जिन गायों के फेफेड़ों, लीवर सहित इन्टरनल ऑर्गन्स में अगर इन्फेक्शन हो जाता है तो ऐसी स्थिति बनती है। ऐसे में किसानों-पशु पालकों को चाहिए कि वे बीमार गायों की सूचना जल्दी दे। अन्य गांव जहां स्वस्थ गायें हैं, उनका वैक्सीनेशन जल्द करवाएं।

अहिल्या माता गोशाला का निरीक्षण
उधर, प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के तहत मंगलवार को अहिल्या माता गोशाला में गो सेवा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी ने गोशाला का निरीक्षण किया तथा वहां किए जा रहे कामों की सराहना भी की। गोशाला में खाद का निर्माण कर पारंपरिक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, साथ ही गोमूत्र के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी गोवंश को लंपी वायरस से बचाने के लिए वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है। इंदौर में 47 गोशाला संचालित की जा रही है। इन गोशालाओं के माध्यम से 7 हजार गायों का संरक्षण किया जा रहा है।
लंपी वायरस से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें
खबर-1
देपालपुर में तीन और गायों की मौत : सेमदा में नहीं थम रहा इन्फेक्शन, मंत्री नरोत्तम बोले राजस्थान से आया संक्रमण, केंद्र ने बनाई है वैक्सीन
बुधवार रात इंदौर के पास देपालपुर तहसील के सेमदा गांव में तीन और गायों की लंपी वायरस से मौत हाे गई। इंदौर के आसपास यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इलाके में गायों की मौत के आंकड़ों को लेकर प्रशासन के अपने दावे हैं, लेकिन स्थिति यह है कि इंदौर सहित कई शहरों में सैकड़ों गायें बीमार हैं। सेमदा में लगातार गायों की मौत के बाद ग्रामीणों ने सरकार से बीमार गायों का इलाज कराने और मृत गायों के लिए मुआवजा देने की गुहार लगाई है। जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इंसान नहीं सभी प्राणी दया के पात्र हैं। मप्र में राजस्थान से लंपी संक्रमण आया है। प्रदेश के 26 जिलों में यह फैला है और मुफ्त में वैक्सीन लगाई जा रही है। जिस तरह से केंद्र सरकार ने जल्द ही कोरोना की वैक्सीन बनाई थी, लंपी पर नियंत्रण के लिए भी बनाई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
खबर-2
लंपी वायरस से इंदौर में गाय की मौत, ग्रामीण खौफजदा:संभाग में 2 हजार से ज्यादा मवेशी चपेट में; सबसे ज्यादा देपालपुर में
रतलाम, सागर और उज्जैन के साथ ही लंपी वायरस ने इंदौर संभाग के 385 गांवों में अपने पैर पसार लिए हैं। इन गांवों में 2 हजार से ज्यादा गाय-भैंस लंपी वायरस की चपेट में आ गई हैं। अकेले इंदौर में ही 81 गायों-भैंसों में लंपी वायरस पाया गया है, जबकि एक की मौत हुई है। इंदौर संभाग में दो दर्जन पशुओं की मौत की सूचना है। इसे लेकर पशु चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन हरकत में आ गया है। डॉक्टरों की कई टीमें इनके इलाज में जुटी हैं। पशु हाट मेलों को बंद कर दिया है। विभाग ने पशु पालकों व किसानों से अपील की है कि अगर उनके यहां गायों-भैंसों में लंपी वायरस जैसे लक्षण हैं तो तुरंत सूचना दें ताकि उनका इलाज हो सके और उन्हें स्वस्थ गायों-भैंसों से दूर रखें।
इंदौर में पिछले महीने देपालपुर के किसान मोतीलाल की दो गायों के शरीर पर लम्पी वायरस जैसे लक्षण पाए गए थे। इसमें गाय के शरीर पर गठानें और फफोले निकल आए थे। इन गाय को आइसोलेट कर इनका इलाज शुरू किया गया था। फिर देपालपुर के ही पशु पालक रितेश पांचाल की दो गायों में भी लम्पी वायरस जैसे लक्षण मिले थे। तब डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अशोक बरेठिया ने बताया था कि इनकी सैंपल भोपाल भेजे गए हैं जिनकी रिपोर्ट नहीं मिली है। इसके बाद सितम्बर की शुरुआत में ही इंदौर ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों में भी गायों-भैंसों में लंबी वायरस के लक्षण दिखे लेकिन अधिकारी सीधे तौर पर इनकार करते रहे। यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
खबर-3
लंपी वायरस का जायजा लेने गए SDM को घेरा:ग्रामीण बोले- यहां रोज गायें मर रहीं, ग्रामीणों ने गिनाए 45 के नाम तो प्रशासन ने माना 15-20 गायें मरीं
लंपी वायरस की चपेट में आए पशुओं की स्थिति का जायजा लेने पशु चिकित्सा विभाग के अफसर बुधवार को गांवों के दौरे पर पहुंचे। अफसर देपालपुर के सेमदा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने पशुओं की स्थिति की जानकारी ली। ग्रामीणों से मिले और पशुओं की जांच भी की। यहां ग्रामीणों के सामने प्रशासन ने पहले कहा कि केवल एक गाय की मौत लंपी वायरस से हुई है। लेकिन ग्रामीणों ने अपने ही गांव की 45 से अधिक गायों के बारे में एसडीएम रवि वर्मा को जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने बयान दिया कि यहां चार से पांच दिनों में 15 से 20 गायों की मौत हुई है।
ग्रामीणों ने कहा कि उनके पशु लंपी वायरस से लगातार दम तोड़ रहे हैं, लेकिन अफसर इस बात को मानने को तैयार नहीं। अफसरों ने ग्रामीणों की बात को खारिज किया तो वे उखड़ गए और अफसरों को घेर लिया। ग्रामीणों ने कहा कि बुधवार को भी सेमदा में एक गाय की मौत लम्पी वायरस से हुई है। जबकि एसडीएम व अन्य अफसर ग्रामीणों की बात मानने को तैयार नहीं थे। ग्रामीणों ने कहा यहां रोज गायें मर रही हैं और आप हमारे ही सामने झूठ बोल रहे हैं। ग्रामीणों के विरोध के बाद जो प्रशासन केवल एक गाय की मौत होना बता रहा था कुछ ही देर में यह मान लिया कि गांव में बीते 4 से 5 दिनों 15 से 20 गायों की मौत हुई है। यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
Source link




