डिडौरी में अशोक कड़ेल ने कहा: भारतीय भाषा के साथ देश को आगे बढ़ाने में कारगर होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति

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डिंडौरी26 मिनट पहले

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देश की आजादी के बाद 1951 में पहला आयोग बना तब से लेकर 2020 तक शिक्षा नीति में लगातार परिवर्तन चल रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय भाषा के साथ ही देश को आगे बढ़ाने में कारगर होगी। यह बात रविवार को मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक अशोक कड़ेल ने डंडौरी में कही। वे डिंडौरी जिले में रविवार को शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास पर हुए व्याख्यान में बोल रहे थे। मेकलसुता महाविद्यालय में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं आत्मनिर्भर भारत पर विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. सुरेंद्र सिंह निदेशक कौशल विकास संस्थान रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि डॉ. राजेंद्र कुररिया वरिष्ठ प्राध्यापक शास. आदर्श विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर, सारस्वत अतिथि डाॅ. रामकुमार रजक प्राध्यापक शास. ओएफके खम्हरिया कॉलेज जबलपुर, डॉ. प्रदीप द्विवेदी रजिस्ट्रार मेकलसुता महाविद्यालय, कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. बिहारी लाल द्विवेदी प्राचार्य मेकलसुता महाविद्यालय उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अशोक कड़ेल ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में यह आवश्यक है कि हमें किन बातों पर विचार करना है, अपने व्यक्तित्व विकास कैसे कर सकते हैं। ज्ञान तो सब में है पर उस पर से किस चीज को आत्मसात करना है। यह बताना शिक्षक का काम है। डाॅ. बालस्वरूप द्विवेदी ने सभी अतिथियों का आभार प्रर्दशन किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो.विकास जैन ने किया। कार्यक्रम में संत रामशरण पुरी को आमंत्रित किया गया। महाविद्यालय के समस्त स्टाफ, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

शिक्षा के साथ कौशल भी बढ़ाएं

प्रो. सुरेंद्र सिंह ने आत्मनिर्भर भारत पर जानकारी देते हुए बताया की भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत को बनाने में पारंपरिक शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे अंदर शिक्षा के साथ-साथ कोई ना कोई कौशल भी होना आवश्यक है, हमारे दिमाग में यह डाला जाता है कि हम आगे चलकर नौकरी पा सके किंतु अब नई शिक्षा नीति में आत्मनिर्भर बनने की सोच को प्राथमिकता दी जा रही है।

बढ़ाने के लिए नए नए उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं, राष्ट्रभक्ति आवश्यक है जो भारत को विश्व गुरु और आत्मनिर्भर बनाने में सहयोगी होगी। डाॅ. बालस्वरूप द्विवेदी के द्वारा सभी अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो.विकास जैन के द्वारा किया गया।जिसमें महाविद्यालय द्वारा संत रामशरण पुरी को आमंत्रित किया गया। महाविद्यालय के समस्त स्टाफ, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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