KORBA:अचानक तबीयत बिगड़ने से महाराष्ट्र के एक व्यक्ति की मौत, घंटों इंतजार के बाद भी शव का पोस्टमार्टम नहीं, परिजनों ने व्यवस्था पर जताई नाराजगी

कोरबा . सैकड़ों किलोमीटर दूर से काम के लिए कोरबा आए महाराष्ट्र के एक व्यक्ति की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। मृतक के शव को परीक्षण के लिए जिला अस्पताल कोरबा भेजा गया लेकिन लापरवाही के कारण परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ा। इस हालात में लोगों को काफी परेशान किया ।उन्होंने यहां की व्यवस्था पर और नाराजगी जताई।
भारत अल्युमिनियम कंपनी में सामान लोड करने के लिए वाहन के साथ जगदीश राव महाराष्ट्र से यहां पहुंचा था। कामकाज के बाद उसे यहां से अपने प्रदेश लौटना था लेकिन शायद किस्मत में कुछ और लिखा था। बालको प्लांट में सामान के लोड करने के दौरान क्लीनर जगदीश बाहर ही था। इसी दौरान उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। इस बारे में जानकारी मिलने पर वाहन चालक अमर ने सुरक्षाकर्मी को अवगत कराया और एंबुलेंस के जरिए पीड़ित को अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था की। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
जगदीश के छोटे पुत्र का आज ही जन्मदिन है और इसलिए जगदीश को वहां पहुंचना था। इस बीच यह घटना हो गई। बच्चे को पिता की प्रतीक्षा है, लेकिन उसे नही पता कि प्रतीक्षा अंतहीन है।
3 मृतक के मामा उदंत राव ने बताया कि एक मौके पर तबीयत बिगड़ने पर उपचार कराया गया था जिसके बाद सब कुछ ठीक हो गया था। काम पर जाने उसके बाद फिर से हालत खराब हो गई और उसके भांजे की मौत हो गई।
बालको चिकित्सालय में मृत्यु की घोषणा के बाद शव को परीक्षण के लिए जिला अस्पताल लाया गया। कई घंटे बीतने पर भी यहां पोस्टमार्टम के लिए कोई रुचि नहीं ली जा रही है। यहां की लचर व्यवस्था ने हमे बहुत परेशान किया। जबकि महाराष्ट्र के वर्धा जिले में परिजन अंतिम संस्कार के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं।
मृत जगदीश के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद उसे यहां से महाराष्ट्र कवर्धा जिले तक पहुंचाने में 10 घंटे से अधिक का समय जाया होना है। इस बारे में भी स्थानीय कर्मचारियों को अवगत कराया गया लेकिन वह अपने ढर्रे पर बने रहे। हालांकि इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मामलों में अंधेर गर्दी का प्रदर्शन जिला अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों की ओर से किया जा चुका है। सवाल यह है कि जिस प्रकार की मनमानी सरकारी अस्पताल में चल रहे हैं उस पर नकेल आखिर कौन लगाएगा I