लंकेश की पूजा करने वाला परिवार: 75 साल से दशानन की कर रहे आरती, हरीश ने कहा- रावण कर्मकांडी ब्राह्मण, हमारे संकट कर रहे दूर

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दमोह40 मिनट पहले

दमोह में रावण दहन का कार्यक्रम है। दुनिया में रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है। इसी उद्देश्य के साथ लोग अच्छाई पर बुराई की जीत मानकर रावण का दहन करते हैं, लेकिन दमोह में एक ऐसा परिवार है जो रावण के प्रति अटूट आस्था रखता है। पूरा परिवार बीते 75 सालों से रावण की उपासना कर रहा है। परिवार के लोग रावण को अपना गुरु मानते हैं।

दमोह शहर के सिंधी कॉलोनी में रहने वाले सिंधी समाज के बुजुर्ग गुनामल नागदेव सिंधी को करीब 75 साल पहले रावण का फोटो मिला। वो उसे घर लेकर पहुंचे, तो उनके पिता ने बताया कि रावण हमारे इष्ट हैं और हम इनकी पूजा करते हैं। इसके बाद घर में रावण की पूजा का क्रम उन्होंने लगातार देखा।

लंकेश के नाम से बनी हरीश की पहचान
दमोह में रेस्टोरेंट का कारोबार करने वाले हरीश नागदेव जो कि गुनामल के बेटे हैं। उन्हें लोग लंकेश के नाम से ही जानते हैं। हरीश ने कहा कि उन्होंने अपने पिता को रावण की पूजा करते हुए देखा, तो उन्होंने भी पूजन शुरू कर दिया। बीते 48 साल से वह भी पूजन करते आ रहे हैं। उनका विश्वास है कि रावण कर्मकांडी ब्राह्मण थे, जो शिव भक्त भी थे। वो हमारे हर संकट को दूर करते हैं।

रावण की पूजा देख चौंक गई थी रेशमा
हरीश नागदेव की पत्नी रेशमा ने बताया कि 24 साल पहले जब विवाह के बाद वह ससुराल पहुंची तो देखा कि यहां रावण की पूजा हो रही है। वह हैरत में पड़ गईं, लेकिन परिवार के लोगों की रावण के प्रति आस्था देखकर उनका मन भी रावण की पूजा करने का हो गया। तब से बिना कोई सवाल किए वह भी रावण के प्रति अपनी अटूट आस्था रखती हैं।

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