Business

Gautam Adani इस कंपनी को खरीदने की रेस में, 4,000 करोड़ से ज्यादा लगाने को तैयार

केकेआर इंडिया के स्वामित्व वाले इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट Virescent रिन्यूएबल एनर्जी ट्रस्ट को खरीदने के लिए करीब आधा दर्जन घरेलू और वैश्विक एनर्जी कंपनियां दौड़ में हैं. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इन कंपनियों में अडाणी ग्रीन, टोरेंट पावर, शेल एंड Actis शामिल हैं. इन्हें 550 मिलियन डॉलर यानी 4,500 करोड़ रुपये की अनुमानित वैल्यू में खरीदने की तैयारी है.

ट्रस्ट के पोर्टफोलियो में 16 सोलर पावर प्रोजेक्ट्स

ट्रस्ट के पोर्टफोलियो में 16 संचालित सोलर पावर प्रोजेक्ट्स शामिल हैं, जो कुल 538 मेगावॉट के हैं. ये सोलर पावर प्रोजेक्ट्स 7 राज्यों में मौजूद हैं. अगर डील हो जाती है, तो भारत में यह InvIT की पहली सेल हो सकती है. प्रतिद्वंद्वियों ने हाल ही में नॉन-बाइंडिंग ऑफर्स सब्मिट किए हैं और वर्तमान में वे केकेआर और उसके एडवायजर्स जेपी मॉर्गन के साथ चर्चाओं के दौर में है. रिपोर्ट में बताया गया है कि चर्चा के अगले दौर के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए आवेदक ही शामिल होंगे.

ट्रस्ट के एसेट्स के शुरुआती पोर्टफोलियो में नौ ऑपरेशनल सोलर पावर प्रोजेक्ट्स शामिल हैं, जो कुल 394 मेगावॉट के हैं. ये प्रोजेक्ट्स महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में स्थित हैं. इसके बाद ट्रस्ट ने सात अन्य ऑपरेशनल सोलर पावर प्रोजेक्ट्स को जोड़ा है. सभी 16 प्रोजेक्ट्स के पास 25 सालों से लॉन्ग टर्म पावर पर्चेस एग्रीमेंट मौजूद हैं, जिनमें केंद्र और राज्य सरकार शामिल हैं.

आपको बता दें कि इससे पहले उद्योगपति गौतम अडानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से तरजीही मिलने के आरोपों से शनिवार को इनकार किया था. उन्होंने कहा था कि उनका कारोबार कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार के युग में आगे बढ़ा था और आज 22 राज्यों में फैला है, जिसमें सभी पर बीजेपी का शासन नहीं है. इंडिया टीवी चैनल के साथ एक इंटरव्यू में अडानी ने कहा था कि उनकी सफलता का सीक्रेट मेहनत है. उन्होंने बताया कि बिजनेस और प्रैक्टिकल लाइफ में केवल एक फॉर्मूला काम करता है.

बीजेपी के अलावा दूसरी पार्टियों के शासन वाले राज्यों में अपने काम को बताते हुए, उन्होंने कहा था कि वे हर राज्य में अधिकतम निवेश करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप बेहद खुश है कि आज वह 22 राज्यों में काम कर रहा है और ये सभी राज्य बीजेपी के शासन वाले नहीं हैं.

Related Articles

Back to top button