मुंगेली से प्रेरणादायी दृश्य: भक्ति रस में डूबे एसपी भोजराम पटेल, भक्तों संग गाए-थिरके भजन

मुंगेली, 13 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से इन दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें जिले के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल धार्मिक भजन के दौरान भक्तिभाव से थिरकते नज़र आ रहे हैं। माथे पर चंदन का टीका, पारंपरिक वेशभूषा और पूर्ण आस्था से भरे चेहरे के साथ उनका यह दृश्य लोगों के दिलों को छू रहा है।
भजन “बांके बिहारी की देख जटा मेरो मन होय लटा पटा” की धुन पर जब एसपी पटेल श्रद्धालुओं के बीच भाव-विभोर होकर झूम उठे, तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने कहा कि जिले का सबसे बड़ा पुलिस अधिकारी जब स्वयं आम भक्त की तरह भक्ति रस में शामिल होता है, तो यह सनातन संस्कृति और भारतीय परंपरा की असली झलक है।
लोगों ने इसे प्रशासन और आस्था का अद्भुत संगम बताया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही सैकड़ों लोगों ने लिखा—
“ऐसे अधिकारी ही जनता और समाज के बीच भरोसे का पुल बनते हैं।”
“वर्दी में रहकर भी इंसान का दिल भक्तिभाव से भरा हो सकता है, यही इसका सुंदर उदाहरण है।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि भोजराम पटेल का यह रूप बताता है कि अफसरशाही सिर्फ अनुशासन और कठोरता का नाम नहीं है, बल्कि संवेदनशीलता और आध्यात्मिक भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है। जब अधिकारी समाज के बीच जाकर उनके संस्कार और परंपराओं में शामिल होते हैं, तो जनता और प्रशासन के बीच दूरी कम होती है।
धार्मिक आयोजनों से जुड़े पंडितों और पुरोहितों ने भी इसे एक प्रेरक क्षण बताया। उनका कहना है कि ऐसे दृश्य समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं और अधिकारी की छवि जनता के बीच और अधिक आत्मीय बनाते हैं।
मुंगेली की जनता का मानना है कि यह दृश्य सुशासन और आस्था का सुंदर मेल है। सुशासन सरकार के ‘रामराज्य’ के सपने को साकार करते हुए, पुलिस कप्तान भोजराम पटेल का यह भक्तिभाव समाज को यह संदेश देता है कि प्रशासनिक पद पर रहते हुए भी इंसान अपनी संस्कृति और परंपराओं को जी सकता है।
कुल मिलाकर, यह वीडियो विवाद का नहीं बल्कि गर्व का विषय है। मुंगेली जिले को ऐसा पुलिस अधीक्षक मिला है जो न केवल कानून-व्यवस्था संभालने में अग्रणी है, बल्कि समाज की आस्था और संस्कारों से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि लोग अब गर्व से कह रहे हैं—
“हमारे एसपी सिर्फ जिले के प्रहरी ही नहीं, बल्कि भक्ति भाव से भरे आदर्श अधिकारी भी हैं।”




