DHAMTARI NEWS : सीताफल पहुंचा बाजार, 300 रुपये टोकरी में हाथों हाथ बिका

धमतरी, 2 अक्टूबर। नवरात्र शुरू होने के साथ बाजार में मौसमी सीताफल की आवक शुरू हो गई है। शुरूआत में 300 रुपये टोकरी में बिक रहा है। कच्चा होने के बाद भी लोग महंगे दामों में हाथो हाथ खरीद रहे हैं, क्योंकि लोगों को सीताफल के आने का बेसब्री से इंतजार रहता है। सप्ताहभर के भीतर सीताफल का व्यवसाय शहर में जोर पकड़ लेगा। इस व्यवसाय से अब वनांचल के लोगों को रोजगार मिलना शुरू हो जाएगा।
गोकुलपुर-रूद्री रोड में दो अक्टूबर की सुबह वनांचल क्षेत्र की महिलाएं पहली बार टोकरी में सीताफल लेकर बेचने के लिए पहुंची। सड़क किनारे मौसमी सीताफल देखकर बाइक, कार समेत अन्य वाहनों से खरीदी के लिए उतरे। हालांकि सीताफल कच्चा था, इसके बाद भी 300 रुपये टोकरी में महिलाओं के सीताफल हाथो हाथ बिकना शुरू हो गई। सीताफल बिक्री के लिए आने के साथ सप्ताहभर के भीतर अब सीताफल के व्यवसाय जोर पकड़ लेगा। शीघ्र ही सीताफल लेकर अब रूद्री, गंगरेल, बरारी, विश्रामपुर, तुमराबहार, खिड़कीटोला, कुकरेल, कोटाभर्री समेत आसपास गांवों की महिलाएं व लोग सीताफल बेचने के लिए बड़ी संख्या में धमतरी शहर पहुंचेंगे। अलसुबह पांच बजे से सीताफल का व्यवसाय शहर में शुरू हो जाता है। सड़क किनारे, चौक-चौराहों में सुबह से सीताफल की खरीदी शुरू हो जाती है।
अब लोगों को पका हुआ सीताफल बाजार में आने का बेसब्री से इंतजार है। सीताफल खरीदने के लिए लोग महंगाई को नहीं देखते। बाजार में दिखते ही खरीदते हैं। मौसमी सब्जी खेक्सी, बासकरी, बोड़ा, करेला व अन्य सब्जियों के व्यवसाय से बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। सीजन आते ही इसे बेचने के लिए लोग सक्रिय हो जाते हैं। क्योंकि मौसमी सब्जियों में अच्छा मुनाफा मिलता है। ठीक इसी तरह मौसमी सीताफल के व्यवसाय से कई परिवार जुड़ रहे हैं। शहर व गांवों में सीताफल की अच्छी मांग हर साल बनती है इसलिए सीताफल की खेती को लोग बढ़ा रहे हैं, ताकि सीजन में मुनाफा हो सके। सीताफल बिक्री करने वाले कौशल कुमार, भुनूराम, गणेश कुमार, खेदीन बाई, सुकारो बाई का कहना है कि जिस समय रोजगार की तंगी रहता है, ऐसे समय में सीताफल की कमाई से परिवार का खर्च चलता है इसलिए अब इस व्यवसाय को हर साल बढ़ा रहे हैं। सीताफल के पौधों का रोपण कर संख्या बढ़ा रहे हैं, ताकि अच्छी कमाई हो सके।
