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महंगाई की एक और मार: मोदी सरकार बोली- चावल के दाम में जारी रहेगी बढ़ोतरी

घरेलू बाजार में चावल (Rice Price) की कीमतों में वृद्धि का रुख दिख रहा है और खरीफ सत्र के दौरान कम उत्पादन के पूर्वानुमान तथा गैर-बासमती चावल के निर्यात में 11 फीसद की वृद्धि को देखते हुए कीमतों में बढ़ोतरी का रुख आगे भी जारी रह सकता है।

खाद्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक तथ्य पत्रक जारी कर यह जानकारी दी। इसमें मंत्रालय ने भारत की चावल निर्यात नीति में हाल में किए गए संशोधनों के पीछे के विस्तृत कारणों को बताया। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत के चावल निर्यात नियमों में हालिया बदलावों ने निर्यात के लिए उपलब्धता को कम किए बिना ”घरेलू कीमतों को काबू में रखने में मदद की है।”

टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध

 इस महीने की शुरुआत में सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और गैर-बासमती चावल पर 20 फीसद निर्यात शुल्क लगाया था। खाद्य मंत्रालय ने तथ्य पत्रक में कहा, ”चावल की घरेलू कीमतों में वृद्धि का रुझान दिख रहा है और धान के लगभग 60 लाख टन कम उत्पादन के पूर्वानुमान तथा गैर-बासमती चावल के निर्यात में 11 फीसद की वृद्धि के कारण इसमें बढ़ोतरी जारी रह सकती है।”

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