पर्ची पर श्रीहरि…फिर हिंदी में लिखी दवाएं: शिवराज की सलाह पर डॉक्टर की अंग्रेजी को ना

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सतना12 मिनट पहले
मप्र में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराने के साथ ही दवाओं का पर्चा भी हिंदी में लिखने की शुरुआत हो गई। डॉक्टर ने इलाज कराने वाली महिला की जांच की पर्चा और दवाइयां हिंदी में ही लिखी। सीएम शिवराज ने डॉक्टरों से ये अपील की थी।
सतना जिले के कोटर स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. सर्वेश सिंह ने इलाज कराने आए मरीज की जांच कर पर्चा हिंदी में लिखा। उन्होंने पर्चे में Rx की जगह श्रीहरि से शुरुआत की। इतना ही नहीं दवाइयों के नाम भी हिंदी में लिखे। दरअसल, रविवार को मप्र में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी करने की शुरुआत हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए तीन किताबों का विमोचन भी किया था। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी डॉक्टरों से पर्चा हिंदी में लिखने की अपील की थी। इसके बाद ही डॉ. सर्वेश ने यह पहल की।

मरीज को देखने के बाद हिंदी में दवाई का पर्चा लिखते डॉ सर्वेश सिंह।
RX के बजाय श्री हरि लिखा
हिंदी में पर्चा लिखने वाले डॉ. सर्वेश सिंह सतना के पहले डॉक्टर हैं तो कोटर पीएचसी में गांव लौलाछ की रश्मि सिंह पहली मरीज भी हैं, जिनकी सेहत का हाल और दवाइयां हिंदी में लिखी गई हैं। रश्मि कोटर स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य परीक्षण कराने पहुंची थीं। डॉ. सिंह ने पर्चे की शुरुआत RX के बजाय श्री हरि लिख कर की। बीपी, शुगर लेवल, पल्स रेट वगैरह हिंदी में दर्ज किया, फिर सभी दवाओं के नाम भी हिंदी में ही लिखे। सरकारी अस्पताल में नई परंपरा शुरू करने के साथ डॉ.सिंह ने इसे अपने निजी क्लिनिक में भी अपनाया। उन्होंने यहां आई मरीज सुरेखा शर्मा के पर्चे में भी हिंदी में ही दवाएं लिखीं।

सीएम की बात दिल को छू गई: डॉक्टर सिंह डॉ. सर्वेश सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया कि हिंदी में पर्चा लिख कर उन्हें बेहद खुशी हुई। हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई के शुभारंभ का कार्यक्रम टीवी पर देखते हुए ख्याल आया कि क्यों न इसकी शुरुआत आज से ही की जाए। उन्होंने बताया कि पीएचसी में पहली मरीज रश्मि सिंह आईं तो उनका पर्चा हिंदी में लिख कर इस अभिनव अभियान में सहभागिता का प्रयास किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कार्यक्रम में कहा था कि पर्चे की शुरुआत RX के बजाय श्री हरि से हो और पर्चे हिंदी में लिखे जाएं तो क्या हर्ज है। बात अच्छी लगी, दिल को छू गई तो पर्चे में सबसे पहले श्री हरि लिखा और फिर मरीज की स्थिति, दवाएं सब कुछ मातृ भाषा हिंदी में ही लिखा। रश्मि गर्भवती हैं इसलिए उनके स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी मातृ भाषा में ही लिखी गई।

क्लिनिक में उपचार करने आई मरीज को भी डॉ.सर्वेश सिंह ने हिंदी में दवाएं लिखी।
स्टूडेंट्स का बढ़ेगा हौसला
डॉ. सिंह ने कहा कि हिंदी में पर्चा लिखने से बड़े फायदे होंगे, मरीज अपनी दवा का नाम खुद भी पढ़ सकेगा और समझ भी सकेगा। इसी तरह मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होने से अब उन बच्चों के सपने भी साकार हो सकेंगे जो डॉक्टर तो बनना तो चाहते हैं, लेकिन अंग्रेजी में कमजोर होने से उन्हें दूसरे क्षेत्र में जाना पड़ता है। इससे मातृ भाषा को और अधिक सम्मान भी मिलेगा और अंग्रेजी में कमजोरी के कारण उपेक्षित सा महसूस करने वालों का हौसला भी बढ़ेगा।
दो दिन पहले CM कहा था- दवा पर्चे पर ऊपर श्रीहरि…नीचे हिन्दी में क्रोसिन लिखो

दो दिन पहले भोपाल में CM शिवराज सिंह चौहान ने डॉक्टरों को सलाह दी थी कि वे दवा के पर्चे पर Rx के बजाए ‘श्री हरि’ लिखें। दवाई का नाम क्रोसिन लिखना है, तो क्रोसिन हिंदी में भी लिखा जा सकता है। उसमें क्या दिक्कत है.? ऊपर ‘श्री हरि’ लिखो..और क्रोसिन लिख दो।’ मुख्यमंत्री भारत भवन में आयोजित हिंदी विमर्श कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने डॉक्टरों से कहा- यहां जो डॉक्टर मित्र बैठे हैं, वो अच्छा तरीका निकालेंगे। पढ़ें पूरी खबर

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