MP में फिर RI बनेंगे नायब तहसीलदार: 502 पद खाली, चुनाव के चलते भरे जाएंगे; क्राइटेरिया भी तय

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भोपालएक घंटा पहले

मध्यप्रदेश में एक बार फिर RI (राजस्व निरीक्षक) नायब तहसीलदार बनेंगे। उन्हें फिर से प्रभार दिए जाएंगे। इसे लेकर सरकार ने प्रस्ताव भी बनाया है। जिसमें क्राइटेरिया भी फिक्स कर दिया है। वे नायब तहसीलदार नहीं बन सकेंगे, जिनकी विभागीय रिपोर्ट ठीक नहीं है या फिर वे किसी आपराधिक, लोकायुक्त या ईओड‌ब्ल्यू केस में फंसे हो। वहीं, जो राजस्व निरीक्षक इसी साल रिटायर्ड होने वाले हैं, वे नायब तहसीलदार नहीं बन सकेंगे। पद पर नियमित भर्ती होने के बाद वे फिर से अपना पद संभालेंगे।

प्रदेश में अभी तक की स्थिति में नायब तहसीलदार के कुल 1242 पद मंजूर हैं। इनमें 502 पद रिक्त यानी खाली है। इस साल सेवानिवृत्ति के चलते दो पद रिक्त होंगे। ऐसे में कुल 504 पोस्ट खाली हो जाएंगी। चूंकि, अगले साल विधानसभा और 2024 में लोकसभा चुनाव है। ऐसे में जिलों में नायब तहसीलदारों के पदों पर पोस्टिंग करना जरूरी हो गया है। प्रस्ताव में राजस्व विभाग ने इसका उल्लेख भी किया है।

प्रभार देने की प्रोसेस हुई शुरू
पुलिस और जेल विभाग में भी उच्च पद पर कार्यवाहक प्रभार दिए जाने संबंधित कार्रवाई हुई है। इसी क्रम में तहसीलदार, भू-अभिलेख अधीक्षक को स्थानापन्न/तदर्थ रूप से डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। इसके साथ ही राजस्व निरीक्षकों को भी नायब तहसीलदारों के प्रभार दिए जाने की प्रोसेस शुरू हुई है।

प्रभार देने के लिए ये क्राइटेरिया तय

  • ऐसे राजस्व निरीक्षक जिन्होंने पद पर 5 साल की सेवा पूरी कर ली हो।
  • पांच वर्ष यानी वर्ष 2017 से 2021 तक के गोपनीय प्रतिवेदन होना चाहिए। समग्र मूल्यांकन का योग कम से कम 10 अंक हो।
  • गोपनीय प्रतिवेदन में किसी में भी मूल्यांकन ‘औसत’ से कम अर्थात ‘घटिया’ श्रेणी का नहीं होना चाहिए।
  • कोई विभागीय जांच, अनुशात्मक कार्रवाई, लोकायुक्त समेत अन्य कोई केस या फिर दंड का प्रभाव समाप्त नहीं हुआ है तो संबंधित पात्र नहीं होगा।

… तो नहीं बन सकेंगे

  • यदि कोई राजस्व निरीक्षक प्रभार लेने से इनकार करता है या उपस्थित नहीं होता है तो उसका नाम हटाया जा सकेगा।
  • प्रभार की अवधि में ट्रांसफर के लिए वही नीति लागू होगी, जो जूनियर प्रशासकीय सेवा के अधिकारियों के लिए लागू होती है।
  • प्रभार में उच्च पद पर कार्य करने वाले अधिकारी वही सभी भत्ते प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे, जो प्रभार प्राप्त करने से ठीक पहले प्राप्त कर रहे थे।
  • प्रभारी नायब तहसीलदार को जूनियर प्रशासकीय सेवा के वेतनमान/क्रमोन्नति की पात्रता नहीं होगी।
  • प्रभार में निचले पद यानी राजस्व निरीक्षक के पद का कार्य नहीं करेंगे। उन्हें प्रभारी नायब तहसीलदार के रूप में नायब तहसीलदार की शक्तियां प्राप्त होंगी।
  • प्रभारी नायब तहसीलदार के रूप में सिर्फ जिला या संभागीय कार्यालय में ही पदस्थापना की जाएगी, अन्य विभागों में पदस्थ नहीं किया जाएगा।
  • जब भी नियमित रूप से नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्ति होगी, तब पुन: राजस्व निरीक्षक बन जाएंगे।
  • प्रभारी नायब तहसीलदार पद पर कार्य करने वाले किसी भी राजस्व निरीक्षक को भविष्य में पदोन्नति में विचारण में वरीयता का कोई अधिकार नहीं होगा।
  • प्रभारी नायब तहसीलदार के रूप में उन राजस्व निरीक्षकों का ही चयन किया जाएगा, जो दिसंबर-2022 तक रिटायर्ड नहीं होंगे।

पहले पांच बार दी जा चुकी है शक्ति
इससे पहले पांच बार राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार की शक्तियां दी जा चुकी हैं। सबसे पहले 12 मई 2016 को शक्तियां दी गई थी। इसके बाद 6 जून 2016, 1 जुलाई 2016, 16 मार्च 2017 और 2 जून 2017 को भी राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार बनाया गया था। मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के विरोध के बाद 10 फरवरी 2020 को प्रभारी नायब तहसीलदारों को फिर से उनके मूल पद पर भेज दिया गया था।

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