Chhattisgarh

CG Old Vehicle Tax : छत्तीसगढ़ में अब बढ़ेंगे पुरानी गाड़ियों के दाम, जितनी बार होगी खरीद-बिक्री देना होगा शोरूम कीमत का 1% टैक्स

रायपुर,04अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ में अब पुराने वाहनों की खरीदी-बिक्री पर 1 प्रतिशत टैक्स देना होगा। गाड़ी चाहे बाइक हो या कार। ट्रकों और सभी तरह के माल वाहकों के लिए भी ये नियम लागू कर दिया गया है। टैक्स के बिना वाहन मालिक का नाम ट्रांसफर ही नहीं होगा। इस नए सिस्टम के लागू होने से वाहन 10 लाख का होने पर 10 हजार और 20 लाख का होने पर 1 फीसदी की दर से 20 हजार टैक्स देना पड़ेगा। परिवहन विभाग के ऑनलाइन सिस्टम में 1 प्रतिशत टैक्स को अपडेट कर दिया गया है। चूंकि आरटीओ में वाहनों का पूरा रिकार्ड ऑनलाइन ही मैनेज किया जा रहा है। ऐसे में टैक्स अदा किए बिना नाम ट्रांसफर की प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ेगी। राज्य के सभी आरटीओ कार्यालय में 1 फीसदी टैक्स की वसूली शुरू कर दी गई है। वाहन पुराना होने पर भी टैक्स में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।

यानी अगर वाहन 10 साल पुराना भी है तो उसकी कीमत के आधार पर टैक्स में किसी तरह की कमी नहीं की जाएगी। 1 फीसदी टैक्स की वसूली वाहन के शोरूम की कीमत से होगी। यानी गाड़ी की शोरूम में खरीदते समय जितनी कीमत थी, उसी कीमत पर टैक्स लिया जाएगा। इस नियम में ये भी स्पष्ट कर दिया गया है कि एक वाहन चाहे कितनी बार भी बिके, हर बार नाम ट्रांसफर करने के पहले एक फीसदी टैक्स वसूला जाएगा।दिल्ली से लग्जरी गाड़ी लाकर बेचने वालों के कारोबार को झटका.

1 फीसदी टैक्स लागू किए जाने के नए नियम से दिल्ली से वाहन लाकर बेचने वालों के कारोबार पर तगड़ा झटका लगेगा। दिल्ली में 15 साल पुराने वाहनों का परिचालन अवैध है। यानी वहां 15 साल के बाद कोई भी वाहन नहीं चलाए जा सकते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में री रजिस्ट्रेशन के बाद उन वाहनों को चलाया जा सकता है। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली के लग्जरी वाहनों की खरीदी-बिक्री यहां बढ़ गई है।

50-60 लाख से एक-एक करोड़ तक की लग्जरी गाड़ियां वहां से कम कीमत पर खरीदकर एजेंट रायपुर में अच्छी कीमतों पर बेच रहे हैं। यहां चूंकि री रजिस्ट्रेशन के अलावा सीजी सीरीज का नंबर भी आसानी से मिल जाता है। इसलिए लोग दिल्ली के लग्जरी वाहन खरीद लेते हैं। अब दिल्ली से लाई जाने वाली गाड़ी जितनी महंगी होगी, 1 फीसदी टैक्स के हिसाब से उतना ज्यादा टैक्स लगेगा। इस वजह से वहां से लाकर गाड़ियों की खरीदी-बिक्री के कारोबार पर असर पड़ेगा।

पड़ताल में पता चला है कि राज्य में हर साल औसतन 1 लाख 50 हजार से ज्यादा पुराने वाहनों की खरीदी बिक्री होती है। इनमें 55 प्रतिशत दुपहिया वाहन होते हैं। 25 प्रतिशत कार और इसी तरह के वाहन बिकते हैं। 20 फीसदी ही बड़े और माल वाहकों की खरीदी बिक्री होती है। स्पष्ट है कि बाइक-मोपेड और कारों की खरीदी बिक्री ज्यादा होती है। एक फीसदी टैक्स लगने से बाइक खरीदने वालों पर भी टैक्स का भार पड़ेगा।

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