CG NEWS: शिक्षक के पहले माता-पिता बच्चों की कॉपी में करते हैं हस्ताक्षर, व्याख्याता अनुराग की अनूठी पहल

जांजगीर, 07 जुलाई ।शिक्षा के क्षेत्र में कई प्रकार के नवाचार होते रहते हैं इन नवाचारों का मूल उद्देश्य है रहता है कि बच्चों के ज्ञान को सरलता पूर्वक सीखने में उनकी मदद दी जाए. छत्तीसगढ़ शासन ने ऐसे नवाचारी शिक्षकों को आगे बढ़ने में मदद भी की है और लगातार नवाचार के क्षेत्र में शिक्षक भी नए नए नवाचार करके प्रदेश स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रहे हैं. इसी प्रकार की एक नवाचार पंडित राम सरकार पांडेय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुटरा के हिंदी विषय के व्याख्याता श्री अनुराग तिवारी जी का है. श्री अनुराग जी जो पिछले वर्ष राज्यपाल पुरस्कार के लिए घोषित किए गए हैं वह हमेशा सुर्खियों में रहते हैं अपने नवाचारों को लेकर.. उनके नवाचारों को राज्य स्तर पर ख्याति प्राप्त हो चुकी है बच्चे भी उनको बहुत अधिक पसंद करते हैं. वर्तमान में उन्होंने 26 जून से ही अध्ययन अध्यापन की प्रक्रिया विद्यालय में प्रारंभ करा दी है. इसी के तहत इस वर्ष उन्होंने एक नई नवाचारी पद्धति के द्वारा अध्यापन का कार्य प्रारंभ कराया जिसमें उन्होंने लेखन पर विशेष बल दिया और पालकों को बच्चों की वास्तविकता का पता चले इसलिए उन्होंने सभी बच्चों से कहा कि आप जो भी कार्य विद्यालय में करते हैं उस कार्य को अपने पालकों से भी जांच कराएं और उनका भी हस्ताक्षर प्रत्येक पाठ के अंत में लें इसके बाद मैं आपके कॉपी में हस्ताक्षर करूंगा. उनके इस नवाचार को पालकों ने बहुत अधिक पसंद किया है. पालकों का कहना है कि वास्तव में अनुराग जी ऐसे पहले शिक्षक हैं जिन्होंने हमको अधिकार दिया है कि शिक्षक के साथ-साथ हम भी बच्चों की कॉपी को लगातार देखें. इससे पहले बच्चे हमको अन्य विषयों की कॉपियां नहीं दिखाते थे परंतु जब से हिंदी विषय की कॉपी से इसकी शुरुआत हुई है अब हम अन्य विषयों की कॉपी को भी बारीकी से अध्ययन करते हैं और बच्चों को जिसमें परेशानी हो रही है उस विषय में शिक्षक से चर्चा भी कर लेते हैं. ग्राम कुटरा के* राजकुमार कश्यप जी का मानना है कि मैं कम पढ़ा लिखा हूं परंतु जबसे अनुराग जी के द्वारा मेरे बच्चों से कॉपी चेक करवाने की बात की गई है तब से मैं उनकी कॉपियां चेक करता हूं इसमें मैं अक्षर की गलतियों और मात्रा की गलतियों से उनको अवगत कराता हूं यह पहल मुझे काफी अच्छी लगी है और आशा है कि बाकी विषयों में भी यह पहल होनी चाहिए. ग्राम कुथुर के पालक श्री महेंद्र साहू जी का मानना है कि मेरे दो बच्चे विद्यालय में अध्ययन करते हैं इन बच्चों की कॉपियों को जब मैं देखता हूं तो हस्ताक्षर करते हुए मुझे गर्व का अनुभव होता है यह अधिकार पहले नहीं मिलता था खासकर शासकीय विद्यालयों में परंतु अनुराग जी ने यह अधिकार हमको दिया इससे हम अपने बच्चों की गलतियों से खुद भी अवगत हो रहे हैं और शिक्षक द्वारा मोबाइल फोन से हमें परामर्श भी दिया जाता है यह उनकी महानता है वास्तव में इस प्रकार की पहल पूरे प्रदेश स्तर पर होनी चाहिए. ग्राम कुटरा की ही अमला बाई कश्यप जी का मानना है कि मैं अपनी बच्ची को स्कूल भेजने से पहले उनकी कॉपियों को देखती हूं और समय-समय पर उन्हें अक्षर *सुधारने के लिए प्रेरित करती हूं शिक्षक का यह कार्य वास्तव में सराहनीय है. इस प्रकार से पालकों को भी अपने पक्ष में करना की यह कला श्री अनुराग जी की एक पहल है जिसका वर्तमान में जोर-शोर से प्रचार और प्रसार हो रहा है बच्चों के साथ पालक भी इससे काफी प्रभावित हैं ।