CG हाईकोर्ट ने कोरबा के सिटी मजिस्ट्रेट पर ठोका 25 हजार रुपये का जुर्माना

बिलासपुर, 25 अगस्त। स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने के मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने कोरबा के सिटी मजिस्ट्रेट गौतम सिंह पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। व्यक्ति को जेल भेजने के लिए मजिस्ट्रेट की ओर से की गई कार्रवाई को अवैध करार दिया है।
बालको में कार्यरत कर्मचारी लक्ष्मण साकेत जो क्वार्टर नंबर ईडब्ल्यूएस फेस-2 एमपी नगर थाना सिविल लाइंस रामपुर अंतर्गत निवास करता है। लक्ष्मण साकेत का उसकी पत्नी के साथ घरेलू विवाद चल रहा है। पत्नी ने पति के खिलाफ सिविल लाइन पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने महिला के पति पर सीआरपीसी की धारा 107, 16 के तहत कार्रवाई की। उसे गिरतार कर सिटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश किया। जब अधिवक्ता ने अपने साकेत की रिहाई को लेकर बेल बांड की राशि पेश किया तो शाम पांच बजे सिटी मजिस्ट्रेट ने साल्वेंट श्योरिटी का शर्त लगा दी। शाम हो जाने के कारण साकेत के अधिवक्ता साल्वेंट श्योरिटी पेश नहीं कर सके। इसे आधार बनाकर सिटी मजिस्ट्रेट ने हिरासत में लिए गए लक्ष्मण को जेल भेज दिया। सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को पीड़ित व्यक्ति ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में अपने अधिवक्ता के माध्यम से चुनौती दी थी। यह तर्क दिया गया था कि सिटी मजिस्ट्रेट को साल्वेंट श्योरिटी मांगने का अधिकार नहीं है। इस याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिविजन बेंच में सुनवाई हुई। न्यायालय में अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क रखा। मामले की सुनवाई पूरी होने पर कोर्ट ने सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को अवैध करार दिया और याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार का हनन बताया। मामले में कोर्ट ने कोरबा पुलिस, अपर कलेक्टर पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इसका भुगतान 30 दिन के भीतर करना होगा।
ये हैं पक्षकार
याचिकाकर्ता ने मुख्य सचिव, सिटी मजिस्ट्रेट कोरबा, गृह विभाग के सचिव, पुलिस अधीक्षक कोरबा, सिविल लाइन के थाना प्रभारी और थाने में मामले की शिकायत करने वाली महिला संध्या साकेत को पक्षकार बनाया है।