Budget 2024: 23 जुलाई को लोकसभा में बजट पेश करेंगीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जानें आयुष्मान भारत सहित अन्य योजनाओं पर एक्सपर्ट्स की राय

नई दिल्ली। 22 जुलाई से शुरु होने जा रहे संसद का मानसून सत्र के दूसरे दिन 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए लगातार सातवीं बार और नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली NDA सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश करेंगीं।
इस बार आम बजट में नई पेंशन प्रणाली और आयुष्मान भारत जैसी सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लेकर कुछ घोषणाएं हो सकती है। हालांकि,आयकर के मामले में राहत की उम्मीद कम है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए इन्फ्रॉस्ट्रक्चर पर जोर, ग्रामीण और कृषि संबंधी आवंटन बढ़ने और सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाने की संभावना है।
लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने दिए थे संकेत
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा था कि 70 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी का ध्यान निवेश के जरिये लोगों के मान-सम्मान और बेहतर जीवन और रोजगार सुनिश्चित करने पर है।
बजट में संभावित घोषणाएं
नई पेंशन प्रणाली: इसमें कुछ नई घोषणाएं होने की संभावना है।
आयुष्मान भारत योजना: सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी इस योजना में बदलाव हो सकते हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर: अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए इस पर जोर रहेगा।
ग्रामीण और कृषि संबंधी आवंटन: इसमें वृद्धि की संभावना है।
सूक्ष्म और लघु उद्योग: इनके बढ़ावा के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।
70 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज के लिए योजना में शामिल करने का संकेत।
लोगों के मान-सम्मान और बेहतर जीवन व रोजगार सुनिश्चित करने के लिए निवेश पर जोर।
2024: टैक्स विशेषज्ञों की राय
इनकम टैक्स: चुनाव नतीजों का डायरेक्ट टैक्स पॉलिसी पर असर पड़ने की संभावना।
जीएसटी दरों में कमी: जीएसटी काउंसिल को दरों में कमी पर विचार करना चाहिए, खासकर टैक्स कलेक्शन के रिकॉर्ड स्तर को देखते हुए।
खर्च करने लायक आय में वृद्धि: टैक्स रेट्स में कमी से लोगों के हाथों में खर्च करने लायक आय बढ़ेगी, जिससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।
समावेशी विकास: बजट में समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंच, बुनियादी ढांचा, निवेश, क्षमता का उपयोग, हरित विकास, युवा शक्ति रोजगार और वित्तीय क्षेत्र के विस्तार पर खास फोकस रहेगा।