BSF कांस्टेबल शिवानी ने रचा इतिहास: नियुक्ति के पांच महीने में मिला आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन, ब्राजील में जीता रजत पदक

उत्तर प्रदेश के दादरी शहर की रहने वाली 21 वर्षीय शिवानी ने देशभर में एक नया इतिहास रच दिया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के छह दशक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी जवान को नियुक्ति के मात्र पांच महीने के भीतर आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन दिया गया हो। शिवानी को यह सम्मान उनके असाधारण खेल प्रदर्शन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करने के लिए दिया गया है।
शिवानी ने हाल ही में ब्राजील में आयोजित 17वीं विश्व वुशु चैम्पियनशिप (31 अगस्त से 8 सितंबर 2025) में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता था। इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए उन्हें कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया है।
यह उपलब्धि बीएसएफ के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के किसी भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) में इतनी कम अवधि में पदोन्नति मिलने का यह पहला मामला है।
शिवानी ने 1 जून 2025 को बीएसएफ में शामिल होकर अपने करियर की शुरुआत की थी। वह बीएसएफ की 155वीं बटालियन, पंजाब में पदस्थ हैं।
दादरी की बेटी ने किया परिवार का नाम रोशन
शिवानी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी शहर की रहने वाली हैं। उनके पिता बढ़ई (कारपेंटर) का काम करते हैं, जबकि उनकी मां कॉस्मेटिक की दुकान चलाती हैं। आर्थिक स्थिति ज्यादा मजबूत न होने के बावजूद उनके माता-पिता ने बेटी के खेल करियर को आगे बढ़ाने में पूरा सहयोग दिया।
शिवानी बताती हैं कि उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें खेलने की अनुमति दी और हर कदम पर हौसला बढ़ाया। यही कारण है कि आज वह इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकीं।
बीएसएफ महानिदेशक ने किया सम्मानित
बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने गुरुवार को शिवानी को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन प्रदान किया। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब बीएसएफ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को शीघ्र पदोन्नति से सम्मानित किया गया है।
इससे पहले 18 जुलाई 2025 को बीएसएफ कांस्टेबल अनुज को चीन के जियानगिन में आयोजित प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने पर हेड कांस्टेबल पद पर प्रमोशन दिया गया था। अनुज को यह सम्मान 21 वर्षों के बाद मिला था, जबकि शिवानी ने मात्र पांच माह में यह गौरव हासिल किया।
बीएसएफ डीजी चौधरी ने कहा कि यदि कोई खिलाड़ी राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाता है या किसी मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करता है, तो उसे आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन देने का प्रावधान है। इस वर्ष दो जवानों को यह सम्मान दिया गया है।
“हर दिन 4 घंटे की ट्रेनिंग से मिली सफलता”
शिवानी ने बताया कि उनकी सफलता के पीछे निरंतर मेहनत और अनुशासन है। वह रोजाना सुबह दो घंटे और शाम को दो घंटे, कुल मिलाकर चार घंटे अभ्यास करती हैं। उन्होंने कहा कि उनका अगला लक्ष्य विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतना है और इसके लिए वह पूरी मेहनत करेंगी।
उन्होंने अपने साथियों को संदेश देते हुए कहा, *“मैं चाहती हूं कि मेरे साथी भी पूरी लगन और मेहनत से काम करें। अगर मैं यह मुकाम हासिल कर सकती हूं, तो जो भी मेहनत करेगा, उसे भी यह मौका जरूर मिलेगा।”
शिवानी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे देश को गर्व से भर दिया है। बीएसएफ में उनका यह रिकॉर्ड आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।




