टीकमगढ़ कलेक्टर के आदेश के बाद अलर्ट हुआ स्वास्थ्य विभाग: मलेरिया विभाग ने शुरू किया दवा का छिड़काव, तालाबों में डाली गैंबुसिया मछली

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टीकमगढ़एक घंटा पहले

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बारिश के बाद शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया है। गंदगी और जगह-जगह पानी भर जाने से मच्छर पनपने लगे हैं। जिससे वायरल फीवर और मलेरिया जैसी बीमारियां पांव पसारने लगी है। बढ़ती बीमारियों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने गंदगी और पानी भराव वाले स्थानों में दवा का छिड़काव करने के निर्देश दिए हैं। जिसके चलते मलेरिया विभाग ने काम शुरू कर दिया है।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एचएम रावत के नेतृत्व में आज शहर में विभिन्न जल भराव के स्थानों पर मच्छर के लारवा नष्ट करने वाले बेसिलस बैक्टीरिया बीटीआई का छिड़काव किया गया। इसके तहत ईदगाह कॉलोनी का तालाब, वर्मा पेट्रोल पंप के पीछे जल भराव, पुरानी टेहरी, चेतक कॉलोनी, ढोंगा, नंदीश्वर कालोनी, संयुक्त कार्यालय परिसर, पुलिस लाइन, चीफ स्टोर के पास स्थित जल भराव के स्थानों पर मच्छर के लारवा नष्ट करने वाले बेसिलस बैक्टीरिया बीटीआई का छिड़काव किया गया।

मच्छर को नियंत्रित करेगी दवा

डॉ. रावत ने बताया कि यह बैक्टीरिया मच्छर के लार्वा को नस्ट कर देते हैं। लगभग 20 मिनट में अपनी संख्या को दोगुना कर और मच्छर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह पर्यावरण के लिए पूरी तरह से सुरक्षित पहल है।

तालाबों में छोड़ी गई मछली

तालाबों के पानी को साफ स्वच्छ रखने के लिए गैंबुसिया मछली छोड़ी गई हैं। डॉ. रावत ने बताया कि रोरइया मंदिर बावड़ी, पहाड़ी खुर्द के तालाब, पृथ्वीपुर के तालाब में गैंबुसिया मछली का संचयन किया गया। यह मछली पानी को साफ रखती है और मच्छर के लार्वा को खाने में सक्षम हैं। मच्छर नियंत्रण और डेंगू नियंत्रण में भी यह पहल सहायक होगी।

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