शहर में मिल रहे लंपी वायरस के संदिग्ध पशु: आइसोलेट करने स्थान का नहीं हुआ चयन, एचओ बोले पशुचिकित्सा विभाग को करना चाहिए प्रबंध

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नीमचएक घंटा पहले
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शहर में लंपी वायरस के संदिग्ध पशुओं के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं। बुधवार को स्कीम नं. 34 और बघाना के बालाजी इंक्लेव में दो गायों को लंपी वायरस का संदिग्ध माना गया है। क्योंकि दोनों के शरीर पर मोटी-मोटी फुंसियां हो रही है और बालाजी इंक्लेव में मिली गाय में तो जांच के बाद 107 डिग्री बुखार की पुष्टि भी हुई है।
आश्चर्य की बात यह है कि ऐसे संदिग्ध पशुओं को आइसोलेट करने के लिए अब तक शहर में स्थान का चयन नहीं हुआ है, जबकि नगरपालिका या पशु चिकित्सालय विभाग को इसका प्रबंध अब तक तो कर देना चाहिए था। ऐसे में यह तो स्पष्ट है कि दोनों ही जिम्मेदार विभागों को इन बेजुबान पशुओं से कोई सरोकार नहीं है और न ही कोई वरिष्ठ अधिकारी अब तक इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।
जानकार बता रहे हैं कि इस संक्रमण के सबसे अधिक चपेट में दूध देने वाली गायें आ रही हैं। ऐसे में बीमारी से पीड़ित पशु को देखकर शहरवासी तो चिंतित हो रहे हैं। वहीं गो सेवा दल के सदस्य भी परेशान हो रहें हैं। बालाजी इंक्लेव में रहने वाली एक महिला ने बताया कि उनके घर के बाहर सुबह एक गाय बैठी थी जो उन्हें लंपी वायरस संदिग्ध लगी। जिसे देख कर उन्होंने गऊ सेवा दल के मितेश अहीर और एचओ श्याम टांकवाल को फोन किया, जिस पर टांकवाल ने कहा कि वे गाड़ी भेज रहे हैं।
जो शाम तक नहीं आई,इसके लिए सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की गई तो भी कोई समाधान नहीं निकला। इधर मितेश अहीर ने गाय का टेम्प्रेचर चैक किया, जिसमें उसे 107 डिग्री बुखार निकला,तब गाय को इंजेक्शन लगाया गया। कई घंटों बाद भी जब कोई मद नपा से नहीं मिल पाई तो मितेश ने गाय का फोटो लेकर बघाना में उसके मालिक को तलाशा। तीन घंटे बाद सादड़ी रोड़ पर उस गाय का मालिक मिला जो उसे ले गया, अब ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि जब आम नागरिक और गऊ सेवा दल के सदस्य इतने चिंतित हैं तो फिर प्रशासन को इससे सरोकार क्यों नहीं है।
गो सेवा दल आम नागरिकों में पशुओं को रही इस बीमारी के प्रति जनजागरुकता फैलाने और स्थान का चयन करने के लिए कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा चुका है। लेकिन अब तक उस पर भी कोई विचार नहीं किया गया है। प्रशासन को चाहिए कि वे शिघ्रता के साथ इस पर कार्य करे।
इनका कहना
लंपी वायरस की शिकायत मिली थी, मौके पर जाकर इलाज किया वहां की महिलाओं ने एचओ को फोन किया तो उन्होंने गाड़ी भेजने की बोला ,लेकिन गाडी नहीं आई और उन्होंने फोन उठना भी बंद कर दिया। मालिक को ढूंढ़ा और फिर शाम को वह अपनी गाय ले गया। प्रशासन को संदिग्ध पशुओं को आइसोलेट करने के लिए जगह का चयन करना चाहिए ताकि यह संक्रमण सामान्य मवेशियों में न फैले- मितेश अहीर, सदस्य, गऊं सेवा दल
हमें स्कीम नं. 34, इंद्रा नगर व बालाजी इंक्लेव से सूचना मिली थी, जहाँ हमारे कर्मचारी चले गए थे। हमसे जितना सहयोग बन पा रहा है हम मवेशियों के लिए कर रहे है। आइसोलेट पशु चिकित्सा विमाग को करना चाहिए। उनके पास भी बड़ा परिसर है। उन्हें इसकी व्यवस्था करनी चाहिए।-श्याम टांकवाल, एचओ नपा नीमच
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