ABVP और आदिवासी छात्र संगठन में विवाद: दोनों की क्रॉस FIR होने के बाद हंगामा, ABVP पदाधिकारियों ने पौन घंटे नारेबाजी की

[ad_1]

धार41 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

धार के पीजी कॉलेज में छात्रों के 2 संगठनों के बीच हुई मारपीट के तीसरे दिन एबीवीपी के पदाधिकारियों ने कैंपस में पहुंचकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान छात्र नेताओं ने एबीवीपी को सर्व समाज स्वभाव की बात रखने वाला परिषद बताया है। करीब पौन घंटे तक छात्र नेताओं ने विद्यार्थियों को एकत्रित कर नारेबाजी की। जिसके बाद अंत में प्राचार्य डॉ. एसएस बघेल को एक ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में बताया कि पिछले दो दिनों से एबीवीपी के संगठन को लेकर कुछ लोगों द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा हैं, जिससे छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही महाविद्यालय में पढ़ाने वाले गुरुजीयों को लेकर भी अशोभनीय भाषा का उपयोग किया गया है। वहीं ज्ञापन के माध्यम से छात्र संगठन ने कॉलेज के कुछ प्रोफेसरों पर भी उनसे मिले होने का आरोप लगाया व वैमनस्यता फैलाने वाले प्राध्यापकों पर कार्रवाई की मांग रखी।

दरअसल दो दिन पहले पीजी कॉलेज में आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा था, इस दौरान आदिवासी छात्र संगठन से जुडे हुए महेश डामोर कक्ष क्रमांक 35 में पहुंचे, जहां पर एबीवीपी व आदिवासी छात्र संगठन के नेताओं में बहस हो गई। साथ ही मारपीट शुरु हो गई थी। नौगांव पुलिस ने इस मामले में महेश डामोर की रिपोर्ट पर एबीवीपी से जुडे चार छात्र नेताओं पर कार्रवाई की। वहीं एबीवीपी के राहुल की रिपोर्ट पर आदिवासी छात्र संगठन से जुडे महेश डामोर व एनएसयूआई से जुडे महेश मोड के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। जिसके बाद से ही कॉलेज में रोज हंगामा हो रहा हैं, मंगलवार को यहां पर अन्य दोनों संगठनों ने ज्ञापन सौंपा था। जिसमें आदिवासी छात्र संगठन ने एट्रोसिटी एक्ट के तहत धाराएं बढाने की मांग रखी थी। वहीं एनएसयूआई का कहना था कि घटना के समय महेश मोड कॉलेज में ही नहीं थे, उनका नाम बेवजह लिखा गया।

स्पष्ट जांच कर कार्रवाई की जाए

एबीवीपी से जुडे़ मायाराम वास्केल के अनुसार घटना के दौरान किसी भी पदाधिकारी के द्वारा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया। ऐसे में प्रकरण के तथ्यों की स्पष्ट जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही महेश डामोर 4 सैम का छात्र होने के साथ परीक्षा हो चुकी हैं, जिसके बावजूद महाविद्यालय में प्रवेश किया गया। ऐसे में बाहर से आने वाले लोगों का कॉलेज में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने व आईडी कॉर्ड से जांच के बाद ही प्रवेश देने की मांग रखी गई है।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button