Chhattisgarh

मछुआरा समाज की अनुसूचित जनजाति की मांग को अमित शाह से दोहराई रामकृष्ण धीवर

केंद्रीय गृह मंत्री ने जांजगीर में किया विजय संकल्प शंखनाद रैली का आगाज

जांजगीर, 23 फरवरी । केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह गुरुवार 22 फरवरी को हाई स्कूल मैदान जांजगीर में भाजपा की विजय संकल्प शंखनाद रैली का आगाज करने पहुंचे। इस दौरान आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार के 10 सालों के कार्यकाल में देश की तकदीर और तस्वीर बदल गई है। मोदी सरकार ने गांव गरीबों किसान के लिए समर्पित भाव से काम किया।

रामकृष्ण धीवर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी मत्स्य महासंघ एवं सदस्य राष्ट्रीय मत्स्यजीवी सहकारी संघ नई दिल्ली ने गृहमंत्री अमित शाह से मछुआरा समाज की बहु प्रतीक्षित मांग अनुसूचित जनजाति की दर्जा को लेकर ज्ञापन सौंपा। श्री धीवर जी ने दिनांक 30/12/2017 के छत्तीसगढ़ शासन रायपुर की कैबिनेट मंत्रीमंडल की बैठक उपरांत निर्णय कार्यवाही में जो अनुसूचित जनजाति सम्मिलित की गई है, उसमें राज्यपाल के आदेशानुसार मांझी शब्द के साथ केवट, केवंट, धीवर, धीमर, डीमर,कहार, कहरा, मल्लाह, निषाद, मांझी आदि मछुआरा नाविक जातियों को जोड़ने संबंधी एवं ऐसे व्यक्ति जिन्हें पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश शासन द्वारा मांझी जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया था, उन्हें मान्य करने ज्ञापन सौंपा।

विदित हो कि दिनांक 31/03/ 1949 को मध्य प्रांत एवं बरार में 51केवट,60 कोली (ढीमर), 71मांझी आदिवासी/ अनुसूचित जाति/अनूसूचित में अंकित। दिनांक 06/01/1950 को सेंट्रल प्रोविंसेस एवं बरार में कोली (धीमर,धीवर, केंवट, पालेवर, भनारा)।दिनांक 07/01/1950 विंध्यप्रदेश में मांझी ( केवट,मल्लाह, भोई, ढीमर) तथा दिनांक 06/12/1950 को मध्य प्रांत एवं बरार में 51केंवट,60 कोली(ढीमर), 71(मांझी) आदिवासी/अनुसूचित जाति/अनुसूचित की सूची में दर्ज है। तत्संबंध में छत्तीसगढ़ मछुआरा समाज द्वारा सभी जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया था। आज भी मछुआरा समाज अपने अधिकारों से वंचित है। जबकि केन्द्र तथा राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।

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