भारत रत्न अटलबिहारी के नाम पर बने सभागार पर ताला…: JU सभागार का पेमेंट नहीं होने पर नाराज ठेकेदार ने लगाया ताला

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ग्वालियर28 मिनट पहले

अटल सभागार पर ताला लगाता ठेकेदार मनीष जैन

जीवाजी विश्वविद्यालय स्थित 25 करोड़ की लागत से बने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बने अटल सभागार में ठेकेदार ने ताला डाल दिया। सभागार में किए गए काम के भुगतान का पैसा नहीं मिलने पर ऐसा किया गया है। ठेकेदार ने इसकी शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कलेक्टर, एसपी से भी की थी लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई है। जल्द ही पैसों का भुगतान नहीं हुआ तो एक की जगह चार ताले डालकर सभागार बंद कर देगा।

यह है पूरा मामला

ग्वालियर के रहने वाले ठेकेदार मनीष जैन ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के अटल सभागार में कुर्सी लगाने का ठेका लिया था। मनीष ने PIU से लिए गए टेंडर के तहत कुर्सी लगाने का काम 27 अगस्त 2021 को पूरा कर दिया था। इस काम का बिल भी सबमिट कर दिया था, लेकिन उनका 35 लाख रुपए का भुगतान अभी तक नही हो पाया है।

मनीष का कहना है कि उसने PIU में भुगतान के लिए कई बार चक्कर लगाए, लेकिन PIU ने जीवाजी के द्वारा भुगतान रोके जाने की बात कही, उधर जीवाजी ने हाथ भी खड़े कर दिए है। जब भुगतान नहीं किया गया तो ठेकेदार ने इसकी शिकायत राज्यपाल को भी भेजी थी। उसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई। साथ ही जनसुनवाई में एसपी ऑफिस पहुंचकर भी आवेदन दिया था।

इसके बावजूद भी जीवाजी ने उसके पैसों का भुगतान नही किया है। इस पर तालाबंदी करते हुए ठेकेदार ने कहा है कि अगर मेरा भुगतान नहीं हुआ तो आज एक ताला डाला है। आगे तीन चार ताले और डालूंगा क्योंकि लगातार अटल सभागार में कोई ना कोई प्रोग्राम हो रहे हैं।

ठेकेदार का कहना

ठेकेदार मनीष का कहना है कि उन्होंने अपने भुगतान के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन से लेकर राज्यपाल तक गुहार लगाई। लेकिन पीआईयू ने उनका भुगतान नहीं किया। लिहाजा मजबूरन उन्हें तालाबंदी करनी पड़ी है।

विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना

उधर, जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन विश्व रंजन गुप्ता का कहना है कि अटल सभागार में मनीष जैन के द्वारा सभागार में चेयर लगाई गई थी, जिसका PIU ने ही बल्क ऑर्डर पर चेयर लगाने का ठेका दिया। PIU को ही भुगतान करना था। इस मामले में लोकायुक्त में जांच चल रही है। लिहाज़ा इसी के चलते ठेकेदार का भुगतान नहीं हो पा रहा है।

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