पुरुष बोले- हम पत्नियों से प्रताड़ित, हमारी भी सुनो: मेरी पत्नी पोर्न स्टार, ऐसा करने से रोका तो केस दर्ज कराया; पढ़िए पीड़ित पतियों की कहानियां…

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भोपाल17 मिनट पहलेलेखक: संतोष सिंह
‘मेरी पत्नी पोर्न स्टार है। वो अपनी तस्वीरें और वीडियो वेबसाइट पर अपलोड करती थी। वह यह काम शादी से पहले भी करती थी। मुझे इसका पता तब चला, जब मेरा बेटा ढाई साल का हो गया। एक दिन मैं एक वेबसाइट पर वीडियो देख रहा था। मुझे स्क्रीन पर एक विज्ञापन दिखाई दिया, जिसमें एक महिला कम कपड़ों में थी। उसकी शक्ल मेरी पत्नी से मेल खा रही थी। उत्सुकतावश मैंने उस विज्ञापन पर क्लिक कर दिया तो उस महिला की बिग प्रिव्यू क्लिप दिखने लगी। जिससे मुझे यकीन हो गया कि यह मेरी पत्नी ही है। जब मैंने वीडियो देखे तो दंग रह गया।’
‘मैं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का रहने वाला हूं। दुबई में नौकरी करता हूं। मेरी शादी मध्यप्रदेश के रीवा जिले में हुई है। मैंने जब रीवा में पत्नी के मायके से पड़ताल की तो मालूम पड़ा कि उसके किसी डॉक्टर से संबंध थे, जो उसके वीडियो और फोटो लेकर वेबसाइट पर डालता था। दोनों इससे पैसा कमाते थे। मेरी पत्नी शादी के बाद भी यह गंदा काम कर रही थी। मैंने पत्नी से कहा कि यह काम बंद करना होगा, लेकिन वह नहीं मानी। इसके बाद वह मायके चली गई और मेरे अलावा मेरे माता-पिता, दो भाइयों और बहनों के खिलाफ उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया। एक बार दुबई से सुनवाई पर नहीं आने के कारण मेरे खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है। जैसे ही मैं लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल यह मामला कोर्ट में है और मैं उसके चक्कर लगा रहा हूं।’
यह सिर्फ एक पत्नी पीड़ित पुरुष की कहानी नहीं है, ऐसी बहुत सारी कहानियां हैं। दूसरी स्टोरी पर जाने से पहले हम बताते हैं आखिर इसकी चर्चा क्यों की जा रही है…? दरअसल पिछले दिनों ‘तलाक उत्सव’ कार्यक्रम की वजह से भोपाल देशभर में चर्चा में रहा। विरोध के चलते ये कार्यक्रम तो निरस्त हो गया, लेकिन इसने समाज का ध्यान पत्नी पीड़ित पुरुषों की तरफ खींच लिया। जिसके बाद दैनिक भास्कर ने मध्यप्रदेश में पुरुष प्रताड़ना की स्थिति को लेकर पड़ताल की। पता चला कि प्रदेश के जिलों में परिवार परामर्श केंद्र की काउंसिलिंग में आने वाला हर तीसरा पुरुष पत्नी से प्रताड़ित है।
सबसे पहले मध्यप्रदेश के आंकड़े देखते हैं…
परिवार परामर्श केंद्र की काउंसिलिंग में पहुंची शिकायतें

इन केसों से समझिए पुरुष प्रताड़ना की पूरी कहानी…
केस- 1
पत्नी ने नामर्द, निकम्मा बताया तो दे दी जान
मई 2022 में छतरपुर के खजुराहो में एक केस सामने आया। तमाम आधार और वॉइस रिकॉर्डिंग होने के बावजूद पत्नी पर FIR दर्ज नहीं की गई। मामला कुछ यूं है… खजुराहो निवासी परिवार के इकलौते बेटे कमलाकांत की शादी 27 अप्रैल 2015 को नौगांव की अनुराधा के साथ हुई थी। उनकी एक बेटी भी है। शादी के 7 साल बाद 26 मई 2022 को कमलाकांत फंदे से झूल गया। शिक्षक पिता जयकृष्णा ने पुलिस को शिकायत में बताया कि ‘बहू शादी के बाद से ही बेटे को प्रताड़ित करती थी। वह बेटे पर दबाव डालती थी कि वह मां-बाप से अलग रहें। वह बेटे पर जायदाद में बंटवारा कराने का दबाव डालती थी।’
‘बेटे के सुसाइड से एक महीने पहले बहू नाराज होकर मायके चली गई थी। बहू और उसके ससुराल वालों ने थाने में प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया था। बात बस इतनी थी कि तबीयत खराब होने के चलते शादी की सातवीं सालगिरह पर बेटे ने महंगा गिफ्ट नहीं दिया और बाहर घुमाने नहीं ले जा पाया। इसी पर वह नाराज हो गई और गाली देते हुए बोली कि ‘मेरी किस्मत में तेरे जैसा पागल लिखा था, जो किसी काम का नहीं है, इससे अच्छा है कि तू मर जाए, तो मैं कहीं दूसरी जगह शादी कर लूं।’ उसके घरवालों ने भी बेटे से मारपीट की। बेटे ने 29 अप्रैल को थाने में मारपीट की शिकायत की थी, पर कुछ नहीं हुआ। मायके से भी बहू फोन पर उसे नामर्द और निकम्मा कहती थी। आखिर में उसने जान दे दी। बुढ़ापे में हमारा सहारा छिन गया।’
केस- 2
पत्नी ने भाई और एक युवक पर दर्ज करा दिया रेप का झूठा केस
28 जुलाई 2022 को श्योपुर में पत्नी से प्रताड़ित होकर एक युवक ने चंबल नदी के पुल में लगी जाली पर चढ़कर कूदने का प्रयास किया। ये ड्रामा घंटे भर चला। राहगीरों ने उसे बचाया और स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया। युवक सोंईकला का रहने वाला था। उसने पुलिस को रोते हुए बताया कि उसकी पत्नी दूसरे के बहकावे में आ गई है। दूसरे के कहने पर उसने मेरे भाई और एक अन्य लड़के पर रेप का झूठा केस दर्ज करा दिया है। पत्नी मेरी बात नहीं मान रही है। इसे लेकर घर में रोज-रोज की कलह से वह तंग आ चुका है। इस कारण वह सुसाइड करने जा रहा था। पुलिस की काउंसिलिंग के बाद उसने सुसाइड न करने की बात कही। फिर उसे घरवालों के सुपुर्द किया गया। अब भी पति-पत्नी के संबंधों की खटास दूर नहीं हो पाई है।
केस-3
सप्ताह में तीन दिन पत्नी नहीं खाने देती नमक
भोपाल निवासी गिफ्ट आइटम का होलसेल व्यापारी पिछले दिनों अपनी पत्नी के कथित अंधविश्वास से परेशान होकर पुलिस के पास पहुंचा। पति ने पुलिस को बताया कि 2020 में कोविड के बाद से उसकी पत्नी अंधविश्वासी हो गई है। वह सप्ताह में 3 दिन मंगलवार, गुरुवार और रविवार उपवास रखने के लिए बोलती है। नमक नहीं खाने देती। उसे लगता है कि दुकान में घाटा इस टोटके से खत्म हो जाएगा। पत्नी उस पर नए-नए टोटके आजमाती है, जिससे वह परेशान हो गया है। इसे लेकर घर में रोज विवाद होने लगा है।
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आइए एक्सपर्ट से जानते हैं आखिर ऐसा क्यों हो रहा है…
डर के मारे पुरुष पहुंच रहे हैं महिला परामर्श केंद्र

जबलपुर परिवार परामर्श केंद्र के अंशुमान शुक्ला बताते हैं कि विवाद बढ़ते ही पुरुष खुद ही परामर्श केंद्र पहुंच रहे हैं। जबलपुर में इस साल अब तक 1200 केस आए हैं। इसमें 700 के लगभग महिलाएं पीड़ित हैं। 150 के लगभग बहू से परेशान सास की शिकायतें शामिल हैं। शेष 350 प्रकरण ऐसे पुरुषों के हैं, जो पत्नी से परेशान होकर पहुंचे।

फैमिली कोर्ट में दहेज उत्पीड़न के 85% मामले झूठे
बदलते परिवेश में पति-पत्नी का रिश्ता भी बदलाव के उस पड़ाव पर पहुंच गया है कि कौन किसे प्रताड़ित कर रहा है, पता नहीं चलता। पत्नी से प्रताड़ित होने वाले पुरुषों का दावा है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानून की धारा 354, 376, 377 के साथ 306 व 498ए का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। प्रदेश के हर जिले में परिवार परामर्श केंद्रों में औसतन 25 से 30 प्रतिशत मामले (600 केस) ऐसे पहुंच रहे हैं, जिनमें पुरुष पत्नी पर प्रताड़ना का आरोप लगा रहे हैं। फैमिली कोर्ट में दहेज उत्पीड़न के 85 फीसदी मामले झूठे साबित हो रहे हैं। नालसा (नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी) के आंकड़ों के मुताबिक 1 जुलाई 2022 तक देशभर में घरेलू हिंसा के कुल 1,193,359 मामले दर्ज किए गए हैं। 7,27,788 केस का निपटारा हुआ। वहीं, 4,71,684 केस अब भी अदालतों में लंबित हैं।

अब बात कर लेते हैं ‘तलाक उत्सव’ की
उस संस्था की कहानी जानते हैं जिसके कारण यह मामला लाइमलाइट में है। तलाक उत्सव (डाइवोर्स पार्टी) का कॉन्सेप्ट लाने वाली भाई वेलफेयर सोसायटी का गठन 2005 में दिल्ली में स्वरूप सरकार ने किया था। स्वरूप सरकार पत्नी पीड़ित थे, इसलिए उन्होंने अपने जैसे लोगों को जोड़ने के लिए यह संस्था बनाई। भोपाल में इसकी शुरुआत 2013 में हुई। 2013 में भोपाल में एक बार पत्नी पीड़ित मिलन समारोह भी आयोजित हो चुका है।
भाई वेलफेयर सोसायटी पत्नी से पीड़ित पुरुषों की मदद करती है। इसके हेल्पलाइन नंबर 8882498498 पर कोई भी 24 घंटे मदद ले सकता है। यहां प्रताड़ित होकर सुसाइड का विचार रखने वाले पुरुषों की काउंसिलिंग की जाती है और उसे कानूनी सलाह दी जाती है। तलाक का केस जीतने वाले सदस्यों को न सिर्फ बधाई दी जाती है, बल्कि केक काटकर सेलिब्रेशन भी किया जाता है।

तलाक उत्सव का इन्विटेशन कार्ड। यह आयोजन लोगों के विरोध के बाद रद्द हो गया था।
मोबाइल में पत्नी का न्यूड वीडियो था, मुझ पर ही 7 केस लगा दिए
तलाक उत्सव के आयोजकों में से एक बताते हैं कि एक दिन पत्नी के फोन पर कोई मैसेज आया, मैंने ऐसे ही उसका फोन उठाया और फोटो गैलेरी देखने लगा। फोटो देखकर मेरे पैरों तले जमीन सरक गई। वहां मेरी पत्नी के कई न्यूड फोटो और वीडियो थे। जब उसके मैसेज और वॉट्सऐप को देखा तो दिमाग ही चकरा गया। उसके कई मर्दों से संबंध थे। वो उन्हें न्यूड फोटो और वीडियो भेजती थी। उनसे पैसे भी लेती थी। मैं उसे लेकर सीधे अपने ससुराल नागपुर गया। अपनी सास, पत्नी उसके भाइयों को एक साथ बैठाया और उसका राज खोल दिया। बतौर सबूत मोबाइल दिखाया। सबके सामने पत्नी ने स्वीकार किया कि उससे गलती हो गई और बोली कि मुझे माफ कर दो।
इतना सुनते ही थोड़ी देर पहले जमाई-जमाई बोलकर घर में बैठाने वाली सास ने गाली देना शुरू कर दी। कहने लगी जब से मेरी बेटी की शादी तुमसे हुई है, वह पागल हो गई है। उसका दिमाग फिर गया है। मैं पत्नी को छोड़कर अपने घर भोपाल आ गया। एक के बाद एक उन्होंने दहेज प्रताड़ना सहित कुल 7 केस दर्ज करा दिए। अब मुझे भोपाल से 300 किमी दूर महाराष्ट्र के नागपुर में केस की सुनवाई के लिए हर महीने दो से तीन बार जाना पड़ता है। इस चक्कर में मेरी जॉब छूट गई। 5 साल से बेटे का चेहरा नहीं देखा है। अब वह 10 साल का हो चुका है। पत्नी और उसके मायके वाले मिलने ही नहीं देते। सेटलमेंट की कीमत 20 लाख रुपए मांगी जा रही है और मेरे पास इतने रुपए नहीं हैं।

(जैसा भाई वेलफेयर सोसायटी के पास आए मामलों में सामने आया।)
5 से 8 लाख रुपए और 10 साल का लगता है वक्त
महिला, पुरुष पर उत्पीड़न, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, भरण पोषण, तलाक, अनैतिक कृत्य सहित कई तरह की शिकायत दर्ज कराती है। सभी की अलग-अलग सुनवाई होती है। पुरुष कहीं का भी हो केस लड़की के गृह जिले में दर्ज होने के प्रावधान से सुनवाई भी वहीं होती है। कोर्ट में हर 10 दिन में एक सुनवाई की तारीख पड़ती है। वकील प्रति केस 50 हजार से एक लाख रुपए में लड़ने को तैयार होता है। इस तरह से सिर्फ एक केस लड़ने में ही 5 से 8 लाख रुपए और 10 साल का वक्त निकल जाता है। राष्ट्रीय कानून सेवा प्राधिकरण द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत कुल 4,71,684 मूल मामले और 21,088 अपीलें लंबित हैं।




पत्नी से प्रताड़ित पुरुषों पर डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है
2016 में डॉक्यूमेंट्री ‘Martyrs of Marriage’ बना चुकी दीपिका नारायण भारद्वाज कहती हैं कि महिला कानूनों का दुरुपयोग रोकना उनका उद्देश्य है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे धारा 498-ए का दुरुपयोग कर पुरुषों को प्रताड़ित किया जाता है और वे सुसाइड कर लेते हैं। ये उनकी रिसर्च और असल किरदारों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री है। दीपिका नारायण भारद्वाज चंडीगढ़ से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर इंफोसिस कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रह चुकी हैं।
दीपिका इंफोसिस छोड़ पत्रकारिता में आ गईं। फिर ये जॉब छोड़कर पुरुषों के अधिकारों के लिए लड़ने लगीं। वे दहेज प्रताड़ना कानून के तहत फंसाए गए पुरुषों को कानूनी मदद देती हैं। दरअसल, वर्ष 2011 में उनके एक रिश्तेदार की शादी टूटी थी और उसकी पत्नी ने रिश्तेदार के पूरे परिवार पर दहेज का मामला दर्ज कराया था। इसमें दीपिका भी आरोपी थीं। हालांकि, उनके रिश्तेदार ने बड़ी रकम देकर कोर्ट के बाहर उस महिला से समझौता कर लिया। तभी से वे इस कानून के दुरुपयोग को लेकर मुखर हो गईं। दीपिका भारद्वाज 2019 में ‘भारत में पुरुषों के लिए राष्ट्रीय आयोग’ बनाने की मांग कर चुकी हैं।

दीपिका नारायण भारद्वाज पूरे देश में पत्नी पीड़ितों की मददगार हैं। वे मूलत: चंडीगढ़ की रहने वाली हैं, लेकिन मप्र के कई लोग उनसे मदद प्राप्त कर चुके हैं।

दीपिका ने 2016 में डॉक्यूमेंट्री ‘Martyrs of Marriage’ बनाई जिसमें दहेज प्रताड़ना के झूठे मामलों को दिखाया गया।
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