ओजोन परत की कमी स्वास्थ्य और प्रकृति के लिए खतरा है – डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा, 16 सितम्बर । इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में अध्ययनरत विद्यार्थियों के द्वारा पोस्टर मेकिंग व स्लोगन रायटिंग के माध्यम से सामाजिक जागरूकता फैलाई का प्रयास किया गया कि हमें गाड़ियों का सीमित उपयोग करना चाहिए साईकल को बढ़ावा देना चाहिए, पर्सनल कार की जगह यथा सम्भव अगर एक ही जगह कार्य करने जाना हो तो एक ही वाहन से कई लोग सीट सांझा कर सकते हैं, आसपास के प्रत्येक कार्य हेतु बाइक या कार की जगह साईकल का उपयोग करना, आसपास कोई कोयले जलाकर या लकडी जलाकर खाना पकाता हो तो उन्हें गैस इस्तेमाल किये जाने के लिये प्रेरित कर सकते हैं इस तरह से अगर हमारे मन में प्रकृति के प्रति आदर व सम्मान की भावना हो तो निश्चित ही आवश्यकतानुसार जरूरत के विकल्प अपने अपने हमारे जहन में आ जायेंगे अगर भावना नेक हो कार्य करने के पीछे का इंटेंशन नेक हो तो कायनात भी उसे सहारा देती है उसका सपोर्ट करती है।इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने अनेक आकर्षक पोस्टर बनाकर एवम एक से बढ़कर एक प्रेरक स्लोगन लिखकर ओजोन परत के संरक्षण के प्रति जागरुकता लाने का प्रयास किया गया।विद्यार्थियों के द्वारा बनाए गए पोस्टर में धरती माँ का दर्द झलक रहा था।किसी विद्यार्थी ने माँ धरती के आंखों में आँसू दिखाकर प्रकृति को दिए दर्द को दिखाया तो किसी ने स्लोगन के माध्यम से प्रकृति संरक्षण का विनम्र निवेदन किया।

डॉ. संजय गुप्ता प्राचार्य इंडस पब्लिक स्कूल दीपका ने कहा कि आईपीएस दीपका प्रत्येक वर्ष ओजोन दिवस के अवसर पर सामाजिक जागरूकता का प्रसार करने हेतु इस तरह के आयोजन करता चला आया है ।आजोन परत के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस एक अनुरक्षण है। वर्ल्ड ओजोन डे हानिकारक गैसों के उत्पादन और रिहाई कां सीमित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों पर जोर देता है।ओजोन परत की कमी से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है,सर्दियों की तुलना में अधिक गर्मा रहती है।सर्दियाँ अनियमित रुप से आती हैं और हिमखंड गलना शुरु हो जाते हैं।इसके अलावा ओजोन परत की कमी स्वास्थ्य और प्रकृति के लिए खतरा है।हमें पूरी नैतिकता के साथ कृतसंकल्पित होकर प्रकृति के संरक्षण व सुरक्षा के प्रति गंभीर होना होगा।हमें कॉर्बन उत्सर्जी यंत्रों का कम सें कम प्रयोग करके हमारी पृथ्वी की सुरक्षा करनी होगी।आज के इस विज्ञान के युग में हमें चाहिए कि हम विभिन्न सोशल साइटों का भी इस्तेमाल करके ओजोन परत की सुरक्षा के प्रति जन-जागरुकता बढ़ाने में अपना सहयोग दें और प्रकृति को सुंदर और खुशहाल बनाएँ। मां प्रकृति निस्वार्थ रूप से प्रत्येक प्राणियों के जीवन जीने अनुकूल वातावरण प्रदान करने हेतु, पंच तत्वों के माध्यम से निःशुल्क सेवा करती है अतः हमारा भी कर्तव्य बनता है, मां प्रकृति का खयाल रखने हेतु पॉजिटिव कदम बढ़ाते रहे।आज समय की मांग है कि हमें ज्यादा से ज्यादा इको-फ्रेंडली मशीनों का ही उपयोग करना चाहिए जिससे कि हमारा वातावरण कम से कम प्रदूषित हो।हमें यह समझाना होगा कि हमारी लापरवाही के कारण हमारे पर्यावरण को कीमत चुकानी पड़ रही है।हम सबको मिलकर संयुक्त रुप से इसका समाधान करना होगा अन्यथा स्थिति भ्यावह होती जाएगी इसमें कोई संदंह नहीं है।हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता दिखानी ही होगी।अनादिकाल से समय की भी यही मांग रही है।