भर्ती घोटाला: सीरीज- 1: आउटसोर्स भर्ती फर्जीवाड़ा… एजेंसी की आड़ में खुद ही भर्ती करते रहे अफसर

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ग्वालियर20 मिनट पहलेलेखक: प्रवीण चतुर्वेदी
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आउटसोर्स पर कर्मचारियों को रखने के लिए राज सिक्याेरिटी एजेंसी से है नगर निगम का अनुबंध।
नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में किए गए फर्जीवाड़े की अब एक-एक कर पर्तें खुलना शुरू हो गई हैं। इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा पहलू यह है कि आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराने के लिए तय की गई एजेंसी राज सिक्योरिटी ने खुलासा किया है कि उनके अनुबंध के बाद से ही निगम अधिकारियों द्वारा खुद ही भर्ती की जा रही है। निगम के मांगपत्र के आधार पर संस्था द्वारा भेजे गए कर्मचारियों को कभी काम पर रखा ही नहीं गया है। बहुत ही कम संख्या में एजेंसी द्वारा भेजे गए कर्मचारी लगाए गए हैं।
निगम में लंबे समय से चल रहे आउटसोर्स भर्ती के फर्जीबाड़े में सिर्फ एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विशाल जाटव को निलंबत कर मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के लिए जारी किए गए पत्र में निगमायुक्त किशोर कन्याल ने उक्त कर्मचारी पर राज सिक्योरिटी फोर्स एजेंसी की साठगांठ से फर्जीवाड़ा करने का आराेप लगाया है।
इस मामले में राज सिक्योरिटी एजेंसी से भी रिकार्ड मांगा गया था। इस पर एजेंसी ने 30 अगस्त को भेजे गए एक पत्र में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। एजेंसी का कहना है कि अधिकारियों द्वारा रखे गए कर्मचारियों का रिकाॅर्ड संस्था के पास नहीं है। ऐसे में वह कौन से कर्मचारियों का रिकाॅर्ड उपलब्ध कराए, संस्था द्वारा रखे गए या अधिकारियों द्वारा रखे गए कर्मचारी? क्योंकि अधिकारियों द्वारा रखे गए कर्मचारियों का रिकाॅर्ड संस्था के पास नहीं है।
ये हैं जिम्मेदार अफसर
1. मुकुल गुप्ता, अपर आयुक्त सामान्य प्रशासन किसी भी नोटशीट को जांचने के बाद ये ही आयुक्त तक मंजूरी के लिए भेजते हैं।
2. डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, उपायुक्त सामान्य प्रशासन अधीक्षक से आई नोटशीट को जांचने के बाद इन्हें अपना अभिमत देना था।
3. प्रभाकर द्विवेदी, कार्यालय अधीक्षक
कर्मचारियाें की डिमांड से लेकर उनकी तैनाती तक इन्हीं की जिम्मेदारी है।
4. विशाल जाटव, आउटसोर्स शाखा का प्रभारी ये न नोटशीट बना सकते हैं और न भर्ती कर सकते हैं, फिर भी इन्होंने ये काम किया।
तबादले बताकर भर्ती कर लिए नए कर्मचारी
आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के फर्जीवाड़े का खुलासा परिषद कार्यालय से हुआ। परिषद गठन के बाद यहां स्टाफ की मांग की गई तो सामान्य प्रशासन विभाग के उपायुक्त डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव द्वारा पत्र जारी कर कुछ कर्मचारियों की तैनाती यहां कराई गई। पत्र के अनुसार इन कर्मचारियों को अलग-अलग कार्यालयों से यहां भेजना बताया गया। परिषद कार्यालय के स्टाफ ने पड़ताल की तो गड़बड़ी पकड़ी गई।
हड़ताल की धमकी देकर बना रहे दबाब
आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के फर्जीवाड़े में फंसता देख अब सामान्य प्रशासन विभाग के कुछ अधिकारी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की धमकी देकर मामला सुलटाना चाहते हैं। त्योहार से पहले वेतन न मिलने से नाराज कर्मचारी हड़ताल पर जा सकते हैं। अधिकारी कर्मचारियों को नौकरी का खतरा बताकर भड़काने का प्रयास कर रहे हैंं।
बड़ा सवाल… चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी करता रहा भर्ती, अफसरों ने क्या देखा?
अधिकारियों ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को आउटसोर्स शाखा का प्रभारी किस आधार पर बनाया? उसके द्वारा लिखीं नोटशीट की जांच किसी भी अधिकारी द्वारा क्यों नहीं की गई? मांगपत्र पर निगमायुक्त से अनुमोदन लेने की प्रक्रिया क्यों नहीं पूरी की गई?
लीपापोती हुई तो उच्च स्तर पर जांच कराएंगे
आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी कर बेरोजगार नौजवानों को ठगने का काम जिन अधिकारियों द्वारा किया गया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि जांच में लीपापोती कर मामले को दबाने या निपटाने का प्रयास किया गया तो उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे।
-डॉ. शोभा सिकरवार, महापौर
जांच कराकर मामले की जड़ तक पहुंचेंगेे
आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी करने वाले प्रत्येक अधिकारी चाहे वह किसी भी स्तर का हो, के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रथम दृष्टया जो दोषी दिखा उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है। जांच कराने का मकसद यही है कि मामले की जड़ तक जाकर दोषियों का पता लगाएंगे। इस मामले में डेढ़ सौ आउटसोर्स कर्मचारी आएंगे, शेष के वेतन या नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
-किशोर कन्याल, आयुक्त नगर निगम
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