इंदौर में पीएम की तरह संवाद करते नजर आए शिवराज: सांसद, मंत्रियों, विधायकों के तारीफों के पुल बांध गए; बच्चों को दिया फ्लाइंग किस

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इंदौर15 मिनट पहले

करीब एक माह से प्रदेश की राजनीति में सियासी गर्मी बनी हुई है। वरिष्ठ नेताओं की आपस में घनिष्ठ मुलाकात,गुटीय रणनीति, कारम डेम केस, गृह मंत्री अमित शाह का भोपाल दौरा आदि समीकरणों के चलते प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हैं। इस सबके विपरीत शुक्रवार को इंदौर में सीएम शिवराज सिंह अलग ही अंदाज में नजर आए। पिछले दिनों चिंतित चेहरा और हताश बॉडी लैंग्वेज जो स्थिति बयां कर रही थी, वो सब बहुत बदला हुआ नजर आया।

भांजियों को आशीर्वाद देते शिवराज मामा।

भांजियों को आशीर्वाद देते शिवराज मामा।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने इंदौर के तीन बड़े कार्यक्रमों में शिरकत की। जिनमें उनका कांफिडेंस कई गुना ज्यादा दिखा। इस बार उनके जोश भरे संवाद में कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झलक (जनता से प्रत्युत्तर की शैली) भी दिखी। बात सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रही। इंदौर नेताओं ने जहां तीनों कार्यक्रमों में उनकी मुक्तकंठ प्रशंसा की वहीं मुख्यमंत्री जाते-जाते इंदौर के सांसद, मंत्रियों, विधायकों, पूर्व विधायकों और मंच पर विराजित पूरी टीम के प्रशंसा के पुल बांध गए। मुख्यमंत्री के चेहरे अचानक इतनी रौनक व आत्मविश्वास की चर्चा राजनीतिक हलकों के साथ आमजन में भी रही।

बाल प्रेम का अनोखा अंदाज

मुख्यमंत्री के जोश और बाल प्रेम का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अभय प्रशाल में आयोजित कार्यक्रम ‘तेरा वैभव अमर रहे’ में जब वे दीप प्रज्वलित करने आगे आए तो खचाखच भरे प्रशाल में चारों ओर बच्चों ने जोरदार तालियां बजाकर मामा का ध्यान आकर्षित किया तो वे भी नहीं चूके। हमेशा जहां वे हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन करते थे, इस बार घूम-घूमकर बच्चों का न सिर्फ हाथ हिलाकर अभिवादन किया बल्कि उन्हें फ्लाइंग किस भी दिया। इस पर बच्चे भी खुशी से झूम उठे। मुख्यमंत्री ने बच्चों के हाथों साफा भी स्वीकारा।

ऐसा जोश में रहे मुख्यमंत्री।

ऐसा जोश में रहे मुख्यमंत्री।

ऐसे शुरू हुई थी राजनीतिक सरगर्मी

दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड से हटाने व वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय से पश्चिम बंगाल का प्रभार वापस लेने के मुद्दों से प्रदेश की राजनीति गर्मा गई थी। इसी कड़ी में फिर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के घर जाकर मुलाकात-भोजन करने के मुद्दे ने इसे और हवा दे दी। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी इंदौर आने पर अचानक पितृ पर्वत पर जाकर विजयवर्गीय से मिले। इस दौरान उन्होंने पूजा-पाठ भी की। इससे भी और सरगर्मी बढ़ गई।

कैलाश विजयवर्गीय से मिले थे प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा

कैलाश विजयवर्गीय से मिले थे प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा

पूजा-अनुष्ठान से नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे को मिला बल

इसके पूर्व कारम डेस केस के बाद गृह मंत्री अमित शाह का भोपाल का दौरा हुआ। इसके बाद शिवराजसिंह का दतिया के विंध्यवासिनी पीताम्बर पीठ और काशी विश्वनाथ बाबा की शरण में जाकर पूजा-अनुष्ठान करने जैसे मुद्दों ने प्रदेश की राजनीति में जबर्दस्त हलचल पैदा कर दी। पिछले हफ्ते रोजगार दिवस पर जब मुख्यमंत्री इंदौर के अमरदास हॉल में आयोजित कार्यक्रम में आए थे, तब भी उनकी बॉडी लैंग्वेज बदली हुई थी। खास बात यह कि तब वे पार्टी के वरिष्ठ नेता स्व. विष्णुप्रसाद शुक्ला के घर पर भी श्रद्धांजलि देने नहीं गए तो राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि प्रदेश में कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। इसके बाद मुख्यमंत्री और फिर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का दिल्ली जाना हुआ तो प्रदेश की गुटीय राजनीति और गर्मा गई।

पहले ऐसा अंदाज नहीं था सीएम का

बहरहाल, गुरुवार को इंदौर में गृह मंत्री व प्रभारी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा द्वारा यह बयान देने कि अगला चुनाव शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा, इसे औपचारिक माना गया लेकिन अब स्थिति अलग है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री का इंदौर में मिजाज अलग ही था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से अपने संबोधन में आमजन को कनेक्ट करते हैं यानी उनसे सवाल कर उन्हीं से सहमति लेना, ऐसा मुख्यमंत्री ने तीनों कार्यक्रमों में किया। खुद ने बच्चों, किसानों, आमजनों से सवाल कर उनसे ही हां (सहमति) कराई जबकि पहले उनका अंदाज सतत बोलने का रहा।

भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह।

भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह।

इंदौरी नेताओं से प्रेम उमड़ने के क्या हैं कारण?

दूसरी ओर इंदौर नेताओं में सांसद शंकर लालवानी ने मुख्यमंत्री से इंदौर के हित में मांगें मनवा ही ली। मंत्री तुलसी सिलावट, जिला अध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर, आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावडा ने मुख्यमंत्री की तारीफों में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री ने लवकुश चौराहा पर आयोजित कार्यक्रम में फ्लाइ ओवर को लेकर कहा कि यहां चार नेताओं तुलसी सिलावट, रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता और मनोज पटेल का क्षेत्र लगता है। आप सभी लोगों के प्रयास सराहनीय है। इसके साथ ही मंच पर बैठे सांसद, मंत्रियों, महापौर, विधायकों व पूर्व विधायकों के तारीफों के पुल बांध गए कि इंदौर की पूरी टीम विकास को लगातार अच्छी दिशा दे रहे हैं। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के इस बदले हुए अंदाज को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि फिलहाल अगले विधानसभा चुनाव तक शायद सबकुछ ‘ठीक’ हो गया है। वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय की अनपुस्थिति जरूर चर्चाओं में रही।

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